BAGAHA: खबर बगहा से आ रही है जहां अनुमंडलीय अस्पताल में एक विचाराधीन कैदी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। कैदी की स्थिति बिगड़ने के बाद उसे इलाज के लिए बेतिया ले जाया जा रहा है। लेकिन जिस एम्बुलेंस से कैदी को बेतिया स्थित जीएमसीएच ले जाया जा रहा है उस एम्बुलेंस में बैठे पुलिस कर्मियों के पास सुरक्षा संबंधी कोई साधन मौजूद नहीं है। एम्बुंलेंस का ड्राइवर सिर्फ पीपीई कीट पहना हुआ है जबकि पुलिसकर्मी संसाधनों का रोना रो रहे हैं। ऐसे में तीन घंटे का सफर वो भी कोरोना पेसेंट के साथ करने को पुलिसकर्मी विवश हैं। पुलिसकर्मियों को भी पता है कि कही तीन घंटे का यह सफर उनके लिए भारी ना पड़ जाए क्यों कि कैदी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गयी है ऐसे में पुलिसकर्मी भी पॉजिटिव हो सकते है यह खुद उन्हें भी मालूम है इसके बावजूद जान जोखिम में डालकर वे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
पुलिस कर्मियों के पास ना ही उच्च मानक के मास्क है और ना ही कोई किट। यही नहीं कोरोना पॉजिटिव हुआ कैदी से ऐम्बुलेंस में दो गज की दूरी भी नहीं बना सकते। ऐम्बुलेंस की एक सीट पर कैदी सो रहा है तो दूसरी सीट पर तीन पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभा रहे है। अपनी जान जोखिम डालकर अपना फर्ज अदा कर रहे है। इनके इसी जज्बे ने इन्हें कोरोना वॉरियर्स बना दिया है लेकिन ये तस्वीरे सरकार को भी देखनी चाहिए और इन कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा से संबंधित तमाम व्यवस्था उपलब्ध करानी चाहिए। एम्बुलेंस पर सवार पुलिसकर्मी भी बताते है कि उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई है। वे जान को जोखिम में डालकर अपना फर्ज निभा रहे हैं और सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं। वही अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सक संजय कुमार गुप्ता भी बता रहे हैं कि कैदी कोरोना पोजेटिव है जिसकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। जिसे इलाज के लिए बेतिया रेफर किया गया है।