PATNA : जनता दल यूनाइटेड ने पहले 7 अगस्त को होने वाली वर्चुअल रैली स्थगित की और उसके बाद नीतीश कुमार बिहार में कोरोना के हालात को लेकर जबरदस्त एक्शन में दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में कोरोना को लेकर हाई लेवल मीटिंग की है। मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस से हाई लेवल मीटिंग में राज्य सरकार के तमाम आला अधिकारी, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी जिलों के डीएम, आईजी, डीआईजी और सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक शामिल हुए हैं।
हाई लेवल मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेहद सख्त अंदाज में नजर आए हैं। कोरोना की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने तमाम अधिकारियों को सिंगल प्वाइंट टारगेट दे दिया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उन्हें कोरोना महामारी पर नियंत्रण का रिजल्ट चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाई लेवल मीटिंग में मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कह डाला है कि जो रिजल्ट नहीं दे सकते उनकी जरूरत नहीं है। बिहार सबसे बुरी परिस्थितियों का सामना कर रहा है और ऐसे वक्त में सरकार को हर हाल में हालात पर काबू पाना होगा।
माना जा रहा है कि बिहार में बिगड़ते हालात के बीच अब इस बात की संभावना दिखने लगी है कि विधानसभा चुनाव टल जाएगा। आयोग ने तमाम राजनीतिक दलों से वर्चुअल कैंपेन को लेकर जो सुझाव मांगे थे उसमें आरजेडी और एलजेपी जैसी पार्टियों ने बिहार में फिलहाल विधानसभा चुनाव स्थगित करने की जरूरत बताई है। विपक्ष से लेकर सहयोगी दलों के इस रवैए को देखते हुए नीतीश कुमार को यह लग रहा है कि अगर हालात काबू में नहीं हुए तो फिर तमाम तैयारियों के बावजूद आयोग हाथ खड़े कर देगा। बिहार के अंदर नीतीश कुमार की कुर्सी चली जाएगी और फिर संवैधानिक संकट की स्थिति में राष्ट्रपति शासन लग सकता है। नीतीश इन परिस्थितियों का सामना नहीं करना चाहते लिहाजा उन्होंने अधिकारियों की नकेल कस दी है। मुख्यमंत्री की तरफ से अधिकारियों पर अब आउटपुट देने का दबाव है। देखना होगा कि मुख्यमंत्री के इस रुख का कितना असर होता है।