SUPAUL : बिहार में कोरोना संक्रमण के दौर में फर्जीवाड़े का सिलसिला जारी है. सुपौल में फर्जी सिग्नेचर का मामला अब धीरे-धीरे गरमाने लगा है. दरअसल, कोरोना रिपोर्ट में प्रभारी उपाधीक्षक के बदले चतुर्थवर्गीय या अन्य कर्मी द्वारा प्रभारी उपाधीक्षक का हस्ताक्षर कर सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंपा गया है. अब इस मामले में प्रभारी उपाधीक्षक को शो कॉज जारी कर दिया गया है.
आपको बता दें कि बीते 1 जून को सिविल सर्जन ने प्रभारी उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज से इस संबंध में स्पष्टीकरण पूछा डाला. दरअसल, कोरोना को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय को अनुमंडलीय अस्पताल से रोजाना भेजे जाने वाली रिपोर्ट अस्पताल के प्रभारी उप अधीक्षक को भेजनी थी लेकिन यह रिपोर्ट उनके बदले अस्पताल के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी फर्जी हस्ताक्षर कर भेज रहे थे.
सिविल सर्जन डॉ. ज्ञान शंकर ने अनुमंडलीय अस्पताल, त्रिवेणीगंज के प्रभारी उप अधीक्षक डॉ. वीरेंद्र दरबे से स्पष्टीकरण पूछा है कि आप के कार्यालय से जारी एक पत्र पर प्रभारी उप अधीक्षक का हस्ताक्षर किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा किया गया है. आप यह सूचित करें कि पत्र पर किसके हस्ताक्षर हैं. इस पत्र पर हस्ताक्षर के लिए आपके द्वारा अधिकृत किया गया है या नहीं. अगर किया गया है तो इतने महत्वपूर्ण पत्र पर किस परिस्थिति में हस्ताक्षर किया गया. आपके द्वारा स्वयं हस्ताक्षर क्यों नहीं किया गया है. इस कार्य को लेकर प्रभारी उपाधीक्षक को जिम्मेदार माना है.