DARBHANGA : कोरोना संकट के इस दौर में कई जगहों से रिश्तों की ऐसी सच्चाई सामने आ रही है जो इंसानियत को शर्मशार करती है. एक ऐसा ही मामला बिहार के दरभंगा से सामने आया है. जहां एक बेटे ने अपने कोरोना पॉजिटिव पिता के शव का अंतिम संस्कार करने के बजाय पानी में फेंक दिया और फरार हो गया.
परंपरा के धरोहर को तार-तार करने वाला यह मामला दरभंगा के लहेरियासराय से सामने आया है. जहां बिजली मिस्त्री का काम करने वाला एक शख्स दो दिन कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. जिसके बाद प्रशासन ने घर को सील कर दिया था. इसी बीच सोमवार को उस शख्श की मौत हो गई. जब रिश्तेदार को उस शख्स के मौत की खबर हुई तो सबने उससे दूरी बना ली.
सोमवार की देर शाम चार लोग लाश लेकर श्मशान घाट पहुंचे. डीएमसीएच में एक दिन पूर्व कोरोना संक्रमण से हुई मौत मामले में दाह संस्कार के लिए प्रशासन के अधिकारियों के संग जनप्रतिनिधि आदि वहां पहले से मौजूद थे. इन लोगों को बिना किसी संस्कार सामग्री के पहुंचे देख जब वहां लोगों ने सवाल किया, तो लकड़ी आदि लाने की बात कर सभी निकल गए. काफी देर बाद भी इन लोगों के नहीं लौटने पर वहां मौजूद प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों को इसका ध्यान आया. इसके बाद वे लोग लाश ढूंढने लगे, लेकिन आसपास कहीं भी शव नजर नहीं आया. इसके बाद मृतक के परिजनों से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.
जब इन्हेंं प्रशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई, तो मृतक के दो पुत्रों ने बताया कि वे बगल में जमा पानी में शव रख कर चले गए थे. इसके बाद मौके से जाकर कोरोना संक्रमित के शव को लाया गया औऱ फिर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर स्थानीय समाजिक कार्यकर्ताओं ने अंतिम संस्कार किया.