कोरोना काल में मांझी ने बुलाई पार्टी की अहम बैठक, 2 जून को वर्चुअल मोड में होगी HAM की राष्ट्रीय कार्यकारिणी

 कोरोना काल में मांझी ने बुलाई पार्टी की अहम बैठक, 2 जून को वर्चुअल मोड में होगी HAM की राष्ट्रीय कार्यकारिणी

PATNA : देश में कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए एक तरफ जहां तमाम राजनैतिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं. वहीं दूसरी तरफ से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक बुला ली है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 2 जून को होगी. हालांकि इस बैठक को वर्चुअल मोड में आयोजित किया जाएगा.


पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव संतोष कुमार सुमन के निर्देश पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. संतोष सुमन जीतन राम मांझी के बेटे हैं और नीतीश सरकार में मंत्री हैं. पिछले कुछ दिनों में जीतन राम मांझी ने कई विवादित बयान दिए हैं. मांझी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर होने पर आपत्ति जता चुके हैं. उन्होंने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर राष्ट्रपति की तस्वीर लगाने की मांग रखी थी. उन्होंने कहा था कि अगर जरूरी हो तो राष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री और स्थानीय मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाई जा सकती है. लेकिन संवैधानिक संस्था के हेड के तौर पर राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए.


जीतन राम मांझी ने आज ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार में पंचायत चुनाव स्थगित होने की स्थिति में पंचायती राज प्रतिनिधियों का कार्यकाल 6 महीना विस्तारित करने की मांग रखी है. ऐसे तमाम मुद्दे हैं, जिनपर जीतन राम मांझी बीजेपी के साथ-साथ जेडीयू से भी अलग राय रखते हैं. ऐसे में कोरोना वायरस के बीच मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की बैठक के बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.


हालांकि जीतन राम मांझी की पार्टी की तरफ से बताया गया है कि 1 दिन के लिए आयोजित होने वाली इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तमाम मुद्दे संगठन से जुड़े हुए होंगे. बैठक में जनहित और दलीय मजबूती से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. बैठक में शामिल होने के लिए तमाम सदस्यों को वर्चुअल मीटिंग का लिंक शेयर किया जाएगा. जीतन राम मांझी भी इस बैठक को संबोधित करेंगे.


आपको याद दिलाते हैं कि जीतन राम मांझी ने राज्यपाल कोटे से एमएलसी मनोनयन में एक सीट की मांग रखी थी. लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हो सकी. इसके बाद से मांझी लगातार कोरोना वायरस के बीच एनडीए के अंदर अलग राग अलाप रहे हैं. अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मांझी आखिर अपनी सियासी नया को किस तरफ मोड़ने वाले हैं.