GOPALGANJ : चुनावी मैदान में औंधे मुंह गिरने वाले कांग्रेसी नेता पार्टी की बैठकों में ताकत दिखाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. रविवार को गोपालगंज में कांग्रेस की बैठक में जमकर झड़प हुई. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के सामने ही कांग्रेसी नेता मारामारी पर उतारू हो गये. उन्हें शांत करने में वरीय नेताओं के पसीने छूट गये.
कांग्रेस को आरजेडी का पिछलग्गु बनाने का आरोप
दरअसल बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी भक्त चरण दास इन दिनों जिले-जिले घूमकर पार्टी को जिंदा करने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन पार्टी के नेता कुछ ज्यादा ही जीवंत हो जा रहे हैं. रविवार को भक्तचरण दास गोपालगंज पहुंचे थे. वहां समीक्षा बैठक बुलायी गयी थी. लेकिन उनके सामने ही बवाल खडा हो गया. जिले के नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व पर बिहार में राजद का पिछलग्गु बनने का आरोप लगाते हुए जमकर भड़ास निकाली. वहीं जिले में कांग्रेस की हालत को लेकर नेता आपस में ही भिड़ गये. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और कार्यकारी अध्यक्ष श्यामसुंदर सिंह धीरज समेत दूसरे वरीय नेताओं के काफी कोशिशों के बावजूद कांग्रेसी शांत नहीं हुए.
गोपालगंज के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का आरोप था कि पार्टी राजद की पिछलग्गु बनकर रह गयी है. विधानसभा चुनाव में राजद ने छांटी हुई सीट कांग्रेस को दे दी. जिस सीट पर आरजेडी चार बार अल्पसंख्यक उम्मीदवार को लड़ा कर हार गयी थी वही सीट कांग्रेस को दे दिया. कांग्रेस ने भी न सिर्फ सीट लिया बल्कि बिना जनाधार वाले नेता को मैदान में उतार दिया. जिले में आज तक कांग्रेस का कार्यालय तक नहीं है. कार्यकर्ताओं को पूछने वाला कोई नहीं है. ऐसे में पार्टी का भला कैसे होगा.
आपस में भिड़े नेता
गोपालगंज सर्किट हाउस में हो रही इस बैठक में जिले के कांग्रेसी नेता आपस में भी भिड़ गये. समीक्षा बैठक में पहुंचे पूर्व सांसद काली पांडेय, सत्येंद्र तिवारी और अमूलरत्न शुक्ल ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को लेकर जमकर खरीखोटी सुनायी. इस बीच कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इफ्तेखार हैदर भड़क गये. उन्होंने कहा कि जिले में जब पार्टी की बैठक बुलायी जाती है तो बमुश्किल 15-20 लोग आते हैं. लेकिन आज सब गलत आरोप लगाने पहुंच गये हैं. जिलाध्यक्ष ने कहा कि वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
तीन महीने में बिहार में कांग्रेस को बदल देंगे
उधर बिहार कांग्रेस के नये प्रभारी भक्त चरण दास मे दावा किया कि बिहार में कांग्रेस को बदलने की तैयारी शुरू हो गयी है. तीन महीने के अंदर वे पार्टी के स्वरूप को बदल देंगे. गांव-गांव तक कांग्रेस मजबूत होगी.