PATNA : सोमवार से भारतीय जनता पार्टी ने आम लोगों और कार्यकर्ताओं के लिए अपने सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की है. बीजेपी कोटे के मंत्री लगातार प्रदेश कार्यालय में लोगों की फरियाद सुन रहे हैं. आज सहयोग कार्यक्रम में पहली बार बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद लोगों की शिकायत सुनने को मौजूद थे. डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के विधानसभा क्षेत्र से ही आए एक युवक ने जो खुलासा किया, उसके बाद थोड़ी देर तक के उनके दरबार में गहमागहमी मच गई.
दरअसल एक युवक ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी के दौरान उसे करप्ट सिस्टम का हिस्सा बनने के लिए कहा गया. जिला परिवहन कार्यालय के अधिकारियों ने उसे रिश्वत लेने और करप्ट सिस्टम में शामिल होने के लिए कहा. लेकिन जब कंप्यूटर ऑपरेटर मुकेश ने इनकार कर दिया तो शराब पीने के झूठे वादे में उसे जेल भिजवा दिया गया.
डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के सामने मुकेश ने इस पूरे मामले का खुलासा किया. मुकेश का आरोप है कि शराब नहीं पीने के बावजूद उसे झूठे मामले में फंसाया गया. मकसद केवल इतना था कि जिला परिवहन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का वह हिस्सा बन जाए. वह भी दूसरे अधिकारियों और कर्मियों की तरह रिश्वत ले. लेकिन मुकेश ने इसमें सहमति नहीं दी. जिसके बाद उसे शराब पीने के झूठे मामले में जेल भिजवा दिया गया. 12 दिनों तक मुकेश को जेल में रहना पड़ा.
डिप्टी सीएम के सामने जब यह मामला आया तो उन्होंने तत्काल परिवहन विभाग के अधिकारियों से फोन पर बातचीत की. इस मामले की जांच कराने का भी आदेश दिया. ईमानदारी की इतनी बड़ी सजा मुकेश को मिली कि उसकी नौकरी चली गई. शराबबंदी कानून के तहत केस दर्ज हुआ सो अलग. हालांकि अब डिप्टी सीएम के जनता दरबार में पहुंचने के बाद मुकेश को न्याय की उम्मीद जगी है.