DESK : बिहार में एक तरफ जहां नीतीश सरकार के ऊपर अफसरशाही को बढ़ावा देने के आरोप खुद सरकार के मंत्री लगाते हैं, वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों से कैसे निपटना है इसकी मिसाल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेश की है। लापरवाह अधिकारियों को ऑन स्पॉट सस्पेंड करने का वाकया आज मध्यप्रदेश में देखने को मिला। मंच पर से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो अधिकारियों को सस्पेंड करने का ऑर्डर जारी कर दिया।
दरअसल यह पूरा मामला मध्यप्रदेश के जेरोन का है। यहां प्रधानमंत्री आवास से योजना में गड़बड़ियों को लेकर शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ना केवल फटकार लगाई बल्कि गड़बड़ी के लिए दोषी अधिकारियों के ऊपर तत्काल कार्रवाई करते हुए मंच से ही उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया। मुख्यमंत्री एक सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने जेरोन पहुंचे थे। मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान लोग इस बात की शिकायत करने लगे कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा। लोगों के शोर-शराबे को देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तुरंत एक्शन में आए। उन्होंने लोगों से पूछा कि आप में से ऐसा कोई है जिनका आवास स्वीकृत हुआ और गड़बड़ी के कारण आपको पैसे नहीं मिल पाए। इसके बाद कई लोगों ने अपने हाथ ऊपर किए। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तुरंत हरकत में आए।
सीएम चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोषी अधिकारियों का नाम तुरंत बताया जाए। इस मामले में लापरवाह सीएमओ उमाशंकर और एक अन्य अधिकारी अभिषेक राजपूत के ऊपर तत्काल एक्शन लिया गया। शिवराज सिंह चौहान ने मंच से ही ऐलान कर दिया कि तत्काल प्रभाव से दोनों को सस्पेंड किया जाता है।