PATNA : राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही वीआईपी के सुरक्षा घेरे में बड़ा बदलाव किया गया है. राज्य सरकार ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ-साथ 31 वीआईपी की सुरक्षा को कैटिगराइज किया है.
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब जेड प्लस के साथ-साथ एएसएल प्रोटेक्शन भी दिया जाएगा. राज्य में वीआईपी सिक्योरिटी को लेकर पिछले दिनों राज्य सुरक्षा समिति की बैठक हुई थी. 21 सितंबर को विशेष बैठक के बाद 31 वीआईपी को अलग-अलग कैटेगरी की सिक्योरिटी देने का फैसला किया गया. मुख्यमंत्री और राज्यपाल को जेड प्लस के साथ-साथ एएसएल प्रोटेक्शन देने का मतलब यह हुआ कि अगर वह कहीं जाते हैं तो उसके पहले सुरक्षाकर्मियों की एक टीम उस जगह का पहले मुआयना करती है.
सरकार ने सिक्योरिटी को लेकर जो नया वर्गीकरण किया है उसके मुताबिक आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ-साथ जीतन राम मांझी को जेड प्लस सुरक्षा घेरे में रखा गया है. इसके अलावा बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी, सांसद ललन सिंह, पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री अशोक चौधरी, पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के साथ-साथ लोकसभा के पूर्व स्पीकर मीरा कुमार को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. वाई श्रेणी की सुरक्षा जिन अन्य नेताओं को हासिल हुई है पूर्व में उदय नारायण चौधरी, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, अखिलेश प्रसाद सिंह ,शरद यादव ,शकील अहमद ,पशुपति कुमार पारस, सांसद सुशील कुमार सिंह, पूर्व मंत्री पीके शाही, राजीव प्रताप रूडी, राधा मोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव भी शामिल हैं.