PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूबे में स्वास्थ्य सेवा के हाल पर असंतोष जताया है. शनिवार को बिहार विकास मिशन की बैठक में उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों पर निगरानी सख्त करने की जरूरत है. सीएम ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर ठीक से ड्यूटी करेंगे तो लोग प्राइवेट क्लीनिक में क्यों जायेंगे. सीएम अपने मंत्री मंगल पांडेय के विभाग के कामकाज से संतुष्ट नजर नहीं आये.
सीएम बोले-सरकारी अस्पतालों से गायब रह रहे हैं डॉक्टर
शनिवार को बिहार विकास मिशन की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सूबे की सभी सरकारी योजनाओं की समीक्षा की. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पतालों की हालत पर नाराजगी जतायी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों से डॉक्टर गायब रह रहे हैं. सरकार उन्हें ज्यादा वेतन के साथ साथ दूसरी तमाम सुविधायें दे रही है लेकिन डॉक्टर फिर भी लापरवाही बरत रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के नहीं रहने के कारण ही लोग निजी क्लीनिक में जा रहे हैं.
लैंडलाइन फोन से डॉक्टरों की निगरानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों पर सख्त निगरानी रखने की जरूरत है. इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर दूसरे अस्पतालों में लैंडलाइन फोन लगाये जायें. ताकि पटना से भी इसकी जानकारी ली जा सके कि अस्पताल में कौन डॉक्टर मौजूद है और कौन गायब है. उन्होंने कहा कि लैंडलाइन लाइन फोन लगने के बाद वरीय अधिकारी समय समय पर डॉक्टरों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग करें.