PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के अंदर कानून व्यवस्था में कोई भी कोताही बरतने के मूड में नहीं है। इसको लेकर वो आए दिन कई तरह के दिशा - निर्देश भी जारी करते रहते हैं। इसी कड़ी में अब एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष व डीजीपी की क्लास लगा दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार पुलिस में बहाली की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया है। इसके बाद भी सिपाही समेत अन्य पदों पर बहाली में हो रही देरी पर सीएम नीतीश कुमार ने सख्त नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, गृह के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, बिहार सिपाही चयन पर्षद के अध्यक्ष पूर्व डीजीपी एसके सिंघल और डीजीपी आरएस भट्टी को अपने-अपने स्थान पर खड़ा होने के लिए कहा। इसके बाद सीएम ने इन लोगों से कहा कि, आपलोग हमसे से यह वादा कीजिए कि बहाली जल्द करवा देंगे न, देरी नहीं न होगी। इसके बाद इनलोगों के तरफ से हामी भरने पर ही संबोधन को आगे बढ़ाया है।
दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री शहर के बीएसएपी-5 परिसर स्थित मिथिलेश स्टेडियम में पुलिस सप्ताह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने पुलिस में आधारभूत संरचना के समुचित विकास, अधिक से अधिक ट्रेनिंग और बहाली पर खासतौर से ध्यान देने के साथ ही चुस्त पुलिसिंग की भी बात कही। इसी दौरान उन्होंने पुलिस प्रसाशन के आला अधिकारियों को यह कहा कि, आपलोग खड़ा होकर यह वादा कीजिए कि पुलिस में बहाली जल्द कराइएगा।
सीएम नीतीश कुमार यही नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि, थाने के लैंडलाइन फोन को ठीक रखिए। फोन पर बात कीजिए, तब पता चलेगा कि जिन्हें थाने में रहना है वह हैं या नहीं। लोग काम कर रहे हैं या नहीं, इसी से न पता चलेगा जी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस अफसरों को कहा कि अच्छा काम करने पर लोग पुलिस की तारीफ करते हैं। कोई भी नेताओं की तारीफ नहीं करता है बल्कि पुलिस की तारीफ करते हैं लोग। इसके आलावा सीएम पुलिस वालों को यह भरोसा भी दिलवाया है कि, जब जरूरत रहेगी तो हम पुलिस की तनख्वाह भी बढ़ाएंगे। बस आपलोग ठीक से काम करिए। असल में 90 प्रतिशत लोग ठीक रहता है। कुछ लोग ही गड़बड़ करता है, लेकिन बदनाम सब हो जाता है।
इधर,मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने पुलिस विभाग के कर्मियों को यह कहा है कि, सोशल मीडिया पर ड्यूटी से जुड़ी जानकारी या किसी तरह के हथियार, अपनी वर्दी समेत अन्य किसी तरह की जानकारी को सार्वजनिक न करें। किसी सोशल प्लेटफॉर्म पर क्या डालना है, क्या नहीं, इसका खासा ध्यान रखें। कुछ मामलों में इस तरह की जानकारी सार्वजनिक होने से काफी समस्या हो गई थी। ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मी मोबाइल के उपयोग से परहेज करें। इसे अपनी पॉकेट की हाजत में बंद कर दें।
आपको बताते चलें कि, पिछले दिनों आईपीएस विकास वैभव के एक ट्वीट से बिहार पुलिस में भूचाल आ गया। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के आचरण पर विकास वैभव ने ट्वीट कर अपना दर्द जनता से शेयर किया था। जिसके बाद अब राज्य के मुख्य सचिव ने इसको लेकर सीधे तौर पर यह कह डाला कि, अपनी नौकरी से जुड़ी किसी तरह की जानकारी को सार्वजनिक न करें।