PATNA : सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि चुनौती को अवसर में बदलने का समय है। उन्होनें कोविड-19 की उच्चस्तरीय समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि चुनौती को अवसर के रूप में लेते हुये उद्योग और इससे जुड़े तमाम विभाग पूरी तत्परता के साथ बाहर से आये बिहार के श्रमिकों के साथ-साथ यहां रह रहे लोगों के रोजगार के लिये तैयार कार्ययोजना को जल्द मूर्त रूप दें। उन्होंने कहा कि बाहर से आये श्रमिकों की स्किल का राज्य की अर्थ व्यवस्था में सकारात्मक उपयोग करें। संचालित औद्योगिक इकाईयों में भी स्किल मैपिंग के आधार पर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करायें।
सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि वे रोजगार सृजन के कार्यों का लगातार अनुश्रवण करें। अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिये श्रम प्रधान योजनाओं का चयन करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। उन्होनें कहा कि श्रमिकों की स्किल के अनुरूप नये उद्योगों को बढ़ावा दें। बाहर से आये बिहार के श्रमिकों से फीडबैक प्राप्त करे।उन्होंने कहा कि नई इकाईयों की स्थापना हेतु क्या इंसेंटिव दिये जा सकते हैं इस पर सुझाव दें साथ ही औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में संशोधन (मिड टर्म) की आवश्यकता हो तो उसके संबंध में भी प्रस्ताव तैयार करें।
सीएम ने निर्देश दिया कि भीड़-भाड़ एवं बाजार वाले इलाके में साफ-सफाई तथा सेनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दें। सभी कार्यस्थलों एवं बाजारों में भी सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन हो। उन्होनें अपील करते हुये कहा कि 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति, अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं तथा 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे अति आवश्यक या स्वास्थ्य संबंधी कार्य न होने पर यथा संभव घर पर ही रहें। उन्होंने कहा कि इनकी स्क्रीनिंग करने पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ यथा संभव टेस्टिंग भी करायी जाय।
नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व से ही केन्द्र की गाइडलाइन के अनुरूप कार्य करती आ रही है। अनलॉक-1 के संबंध में भी केन्द्र की गाइडलाइन को यथावत लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लोगों की अन्य आवश्यक मदद भी की जा रही है लेकिन अनलॉक-1 के बाद दैनिक क्रियाकलाप बढ़ेंगे, अतः लोगों को अब पहले से ज्यादा सचेत एवं सतर्क रहने की जरूरत है।सीएम ने कहा कि अन्य राज्यों में काम करने वाले बिहार के श्रमिक बड़ी संख्या में वापस आये हैं। अतः लोगों को लगातार जागरूक करने की आवश्यकता है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को अन्य माध्यमों के अलावा माईकिंग से भी लगातार जागरूक किया जाय। सभी लोग मास्क के प्रयोग के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।