CM नीतीश के खिलाफ कल होगा जीतनराम मांझी का मौन प्रदर्शन, कहा - अब दलित का अपमान नहीं होगा सहन

CM नीतीश के खिलाफ कल होगा जीतनराम मांझी का मौन प्रदर्शन, कहा - अब दलित का अपमान नहीं होगा सहन

PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में पूर्व सीएम और HAM संरक्षक जीतन राम मांझी को बुरी तरह से अपमानित किया था। विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि- मेरी मूर्खता थी कि इसको (जीतन राम मांझी) को सीएम बनाया था। वहीं मांझी पर नीतीश कुमार के अमर्यादित बयान की खूब आलोचना हो रही है। ऐसे में अब  मामले में मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कल 14 नवम्बर 23 को सुबह 11.30 बजे पटना उच्च न्यायलय के निकट अंबेडकर स्मारक पर एक मौन प्रदर्शन करने जा रहे हैं। 


जीतन राम मांझी ने अपने सोशल मिडिया X पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि -  मेरे अपमान के सहारे पुरे दलित समाज को ज़लील करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कल 14 नवम्बर 23 को सुबह 11.30 बजे पटना उच्च न्यायलय के निकट अंबेडकर स्मारक पर एक मौन प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। जिसमें सभी संगठनों के साथ-साथ मैं भी उपलब्ध रहूंगा। जय बिहार। 


वहीं, इससे पहले पीएम मोदी ने शनिवार को तेलंगाना के सिकंदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार पर खूब हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा क-  दो दिन पहले बिहार में हमने देखा है कि विधानसभा में सदन के अंदर एक और दलित नेता, एक पूर्व मुख्यमंत्री का अपमान किया गया है। जीतन राम मांझी जो दलितों में भी अति दलित हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बहुत ही संघर्ष किया है। उनको बिहार के सीएम ने बुरी तरह अपमानित किया। जीतन बाबू को जताने की कोशिश की गई कि वो सीएम पद के योग्य नहीं थे।  ये अहंकार की भावना, दलितों के अपमान की भावना कांग्रेस और उसके सहयोगियों की पहचान है। 


उधर, पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा है कि- बिहार विधानसभा में पिछले दिनों जो घटना हुई उसको लेकर सिर्फ हम ही नहीं बल्कि राज्य का दलित समुदाय शर्मसार हो गया है। दलित समाज के साथ साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं तक को नहीं छोड़ा है। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में शामिल कर दलितों और पिछड़ों को सम्मान देने का काम किया है। जीतन राम मांझी ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब नीतीश कुमार ने एक दलित नेता को प्रताड़ित करने का काम किया तब देश के प्रधानमंत्री दलित समाज के साथ खड़े रहे और उन्हें सम्मान देने का काम किया है।