PATNA : कानून का राज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन की यूएसपी रही है। पिछले कुछ वक्त से बिहार के अंदर लॉ एंड ऑर्डर बुरी तरह से चरमरा गया है और नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल भी उठने शुरू हो गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बिहार विधानसभा में खुद इस बात को कबूल किया कि बिहार में हाल के दिनों के अंदर अपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है। अपराध में वृद्धि को लेकर नीतीश कुमार ने विधानसभा में आज दिलचस्प एनालिसिस पेश किया।
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सीएम की एनालिसिस
नीतीश कुमार ने अपनी एनालिसिस के मुताबिक बढ़ते क्राइम का ठीकरा भूमि और संपत्ति विवाद के माथे फोड़ दिया। नीतीश कुमार ने कबूल किया कि बिहार में हाल के दिनों के अंदर पहले से ज्यादा हत्याएं हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हत्या के ज्यादातर मामलों के जड़ में भूमि और संपत्ति विवाद रहा है। जिसके बाद ने कहा है कि संपत्ति विवाद और भूमि से जुड़े झगड़े को कैसे कम किया जाए। सरकार इस दिशा में काम कर रही है। विधानसभा में गृह विभाग के बजट पर जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने बिहार में अपराध का ठीकरा भूमि और संपत्ति विवाद के ऊपर फोड़ दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद को खत्म करने के लिए थाना प्रभारी और जिलाधिकारी को हफ्ते में एक दिन जन सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है जो कोई अधिकारी भी ऐसा नहीं करेगा उसकी शिकायत मुझे सीधे विधायक कर सकते हैं।
आर्थिक गतिविधि के चलते बढ़ी लूट
लूट की घटनाओं पर नीतीश कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में बैंकों फाइनेंस कंपनियों और पोस्ट ऑफिस के खुलने और आर्थिक लेन-देन बढ़ने के कारण इसमें इजाफा हुआ है। चोरी की घटनाओं में वृद्धि के लिए नीतीश कुमार ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि चोरी के मामलों में वृद्धि सबसे ज्यादा वाहन चोरी के मामलों के कारण हुई है। बिहार में बाइक की ज्यादा बिक्री और उसकी चोरी की घटनाओं में भारी इजाफा हुआ है। नीतीश कुमार ने अपहरण के मामलों में भी गुमशुदगी से जुड़े मामलों का जिक्र करते हुए अपनी सरकार का बचाव किया। हालांकि सदन के अंदर नीतीश कुमार ने क्राइम पर लंबा चौड़ा जवाब दिया लेकिन उन्होंने एक बार भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनकी पुलिस अपराधियों के सामने आखिर क्यों बेबस साबित हो रही है।
पटना से राहुल सिंह की रिपोर्ट