मंत्रिमंडल विस्तार पर कौन सच्चा-कौन झूठा: नीतीश बोले-जैसे ही लिस्ट आयेगा वैसे ही विस्तार हो जायेगा, बीजेपी बोल रही हमने लिस्ट सौंप दिया

मंत्रिमंडल विस्तार पर कौन सच्चा-कौन झूठा: नीतीश बोले-जैसे ही लिस्ट आयेगा वैसे ही विस्तार हो जायेगा, बीजेपी बोल रही हमने लिस्ट सौंप दिया

PATNA: बिहार में कैबिनेट के विस्तार को लेकर एक बार सत्तारूढ़ पार्टियां जेडीयू और बीजेपी की खींचतान सामने आ गयी है. पटना में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जैसे ही बीजेपी की ओर से लिस्ट आ जायेगा वैसे ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जायेगा. दो दिन पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि बीजेपी ने मंत्रियों की लिस्ट सौंप दी है. अब सवाल ये उठ रहा है कि नीतीश और बीजेपी में कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ. सत्तारूढ पार्टियों के बीच सच-झूठ का खेल क्यों चल रहा है.

क्या बोले नीतीश
नीतीश से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पत्रकारों ने सवाल पूछा. नीतीश कुमार बोले-जब लिस्ट आ जायेगा, तब विस्तार हो जायेगा. जैसे ही आयेगा, वैसे ही विस्तार हो जायेगा. जाहिर है नीतीश कह रहे हैं कि बीजेपी की ओर से कोई लिस्ट नहीं आयी है. जैसे ही बीजेपी मंत्रियों की सूची सौंपेगी बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जायेगा. नीतीश ने एक बार फिर संकेत दे दिया कि बीजेपी के कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है.

कौन सच्चा-कौन झूठा
दो दिन पहले बेतिया में मीडिया से बात करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अब बीजेपी की ओर से देरी नहीं है. बीजेपी ने नये मंत्रियों की सूची नीतीश कुमार को सौंप दी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने ये भरोसा जताया था कि विधानमंडल के बजट सत्र से पहले बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जायेगा. उससे पहले डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने भी कहा था कि बिहार में मंत्रिमंडल के विस्तार में अब बीजेपी की ओर से कोई देरी नहीं है. जाहिर है वे भी यही कह रहे थे कि बीजेपी ने लिस्ट दे दिया है.

अब सवाल ये उठ रहा है कि नीतीश और बीजेपी में कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ. गठबंधन में कौन सी खिचड़ी पक रही है कि दोनों पार्टियां परस्पर विरोधी बातें कह रही है. इन सब के बीच बिहार में पिछले दो महीने से मंत्रिमंडल विस्तार लटका पडा है. सीएम के अलावा सिर्फ 13 मंत्री बिहार चला रहे हैं. एक-एक मंत्री के पास 6-7 विभाग हैं. बिहार विधानमंडल का बजट सत्र भी सामने हैं. सत्र में मंत्रियों को विभागवार विधायकों के सवालों का जवाब देना होता है. उन्हें अपने विभाग का बजट भी पेश करना होता है. अगर मंत्रियों की संख्या नहीं बढ़ी तो सवालों का जवाब देने में उनके पसीने छूट जायेंगे. 

वैसे नीतीश के बयान से ये बात भी साफ हो गयी कि जेडीयू-बीजेपी गठबंधन में जैसा तालमेल दिखाने की कोशिश की जा रही है वैसा है नहीं. अंदरखाने ढ़ेर सारी चीजें चल रही हैं. खींचतान औऱ शहमात के खेल खेले जा रहे हैं. समय समय पर कई बातें सामने आती रही हैं जिससे दोनों दलों के बीच चल रहा खेल उजागर होता आया है.