SIWAN: पिछले महीने 19 जून को सीवान के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के छोटपुर के पास सिविल कोर्ट के कर्मचारी 26 वर्षीय राकेश कुमार उर्फ गोल्डेन पासवान की अपराधियों ने दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। मृतक महादेवा थाना क्षेत्र के महादेवा मिशन निवासी स्व. नवल किशोर मांझी का पुत्र था। मृतक के भाई के बयान पर मुफ्फसिल थाने में कांड संख्या 348 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक आरोपी मुन्ना चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जबकि अन्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
केंद्रीय मंत्री व लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सुप्रीमो चिराग पासवान रविवार को मृतक के परिजनों से मिलने सीवान पहुंचे। इस दौरान सीवान के सांसद विजय लक्ष्मी कुशवाहा भी उनके साथ थीं। पीड़ित परिवार से मिलकर चिराग पासवान ने घटना पर दुख जताया और उन्हें सांत्वना दी। चिराग पासवान ने हरसंभव मदद का भी भरोसा जताया। चिराग पासवान ने मृतक की बहन से घटना की जानकारी ली। जिसके बाद उन्होंने सीवान के एसपी को तुरंत फोन लगाया। फोन पर उन्होंने सीवान एसपी से कहा कि घटना के इतने दिन हो गये हैं अभी तक एक ही अपराधी पकड़ा गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई। चिराग ने कहा कि हफ्ते भर के अंदर इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए।
पीड़ित परिजनों से मिलने के बाद चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत की। कहा कि इस मामले को लेकर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से भी मिला था। उन्हें भी इस घटना की जानकारी दी गयी है। चिराग पासवान ने कहा कि कोर्ट कर्मी गोल्डेन पासवान की हत्या के मामले में पुलिस की सुस्ती नजर आ रही है। यदि पुलिस वाले भी दोषी होंगे तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। दोषी चाहे कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि घटना 19 जून 2024 की है। जब बहन को परीक्षा दिलाने के लिए सिविल कोर्ट कर्मी राकेश कुमार उर्फ गोल्डेन गया हुआ था। लौटने के दौरान बाइक पर गोल्डेन पासवान को अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधी हथियार लहराते हुए फरार हो गये थे। घटना का कारण मुन्ना चौधरी के साथ जमीन का विवाद का होना बताया गया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी मुन्ना चौधरी को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया। लेकिन अन्य अपराधी घटना के बाद से ही फरार है अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। परिजन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धड़े बैठी है। पुलिस के कान तक जूं भी नहीं रेंग रही है। बता दें कि मृतक गोल्डेन पासवान दो वर्षों से सिविल कोर्ट में कार्यरत था।