BIHAR CRIME: सासाराम में युवक की गोली मारकर हत्या, इलाके में मचा हड़कंप ISM पटना ने स्थापना सप्ताह का भव्य समापन किया, छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार को मिला मंच मुजफ्फरपुर कोर्ट में बुर्का पहना कर शादी की कोशिश, हिंदूवादी संगठनों के हंगामे के बाद जांच में जुटी पुलिस बालोपासना दिवस 2025: कोइलवर में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ने दौड़ व कबड्डी प्रतियोगिता का किया आयोजन जुकाम की दवा सिगरेट: इलाज कराने आए मासूम को डॉक्टर ने कराया स्मोकिंग, बच्चे की सेहत से किया खिलवाड़ Train Accident : चलती ट्रेन में चढ़ना पड़ा भारी, झाझा स्टेशन पर बाल-बाल बचे दो यात्री बिहार चुनाव से पहले बड़ा सर्वे: तेजस्वी यादव CM पद के सबसे पसंदीदा उम्मीदवार, प्रशांत किशोर ने नीतीश को पछाड़ा Life Style: धूप से आते ही गर्मी में ठंडा पानी पीना पड़ सकता है भारी, जानें सेहत को कैसे पहुंचा सकता है नुकसान? रद्द की गई 14009/10 बापूधाम मोतिहारी-आनंद विहार एक्सप्रेस अब 24 अप्रैल तक फिर से चलेगी यात्रीगण कृपया ध्यान दें: संपूर्ण क्रांति क्लोन स्पेशल सहित 03 जोड़ी ट्रेनों के परिचालन अवधि में विस्तार
10-Dec-2020 05:38 PM
MUZAFFARPUR : बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही पहले से बेहतर प्रदर्शन किया हो, बीजेपी की सीटों में भले ही इजाफा हुआ हो, लेकिन मजबूत मानी जाने वाली कई सीटों पर बीजेपी के दिग्गज उम्मीदवारों की हार अब पार्टी में नया घमासान शुरू होने की वजह बन रहा है. मुजफ्फरपुर शहर सीट पर पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा की हार के बाद वहां बीजेपी के अंदर घमासान मच गया है.
अपनी हार के बाद पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता सुरेश शर्मा लगातार संगठन की कार्यशैली के ऊपर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं. सुरेश शर्मा ने कहा है कि संगठन को राज्य और केंद्र स्तर के अलावा उम्मीदवार की तरफ से भी हर तरह का सहयोग मिला लेकिन जिले का संगठन उम्मीदवारों को अपेक्षित सहयोग नहीं दे सका, मुजफ्फरपुर से सीट पर हार के लिए यह एक बड़ी वजह है. सुरेश शर्मा ने ना केवल जिला इकाई पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह भी कहा है कि इस तरह की कार्यशैली पहले कांग्रेस में थी और अब धीरे-धीरे बीजेपी के अंदर ऐसा ही वर्क कल्चर देखने को मिल रहा है. सुरेश शर्मा के इस आरोप के बाद जिला अध्यक्ष रंजन कुमार उनके सामने खड़े हो गए हैं.
मुजफ्फरपुर के जिला अध्यक्ष रंजन कुमार ने सुरेश शर्मा के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. जिला अध्यक्ष रंजन कुमार ने पलटवार करते हुए कहा है कि पार्टी के किसी भी उम्मीदवार का विरोध करना बीजेपी के कार्यकर्ताओं के संस्कार में नहीं है. भाजपा की यह संस्कृति नहीं रही. विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के हर कार्यकर्ता ने कैंडिडेट को पूरे जी-जान के साथ समर्थन दिया. पार्टी की जीत कैसे सुनिश्चित हो इसके लिए दिन रात काम किया. यह अलग बात है कि हार के बाद अब संगठन और कार्यकर्ताओं के ऊपर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
जिलाध्यक्ष रंजन कुमार की मानें तो परंपरागत वोटों के बूथ तक नहीं पहुंचने का कारण पार्टी की हार हुई. मुजफ्फरपुर सीट बीजेपी के लिहाज से बेहद मजबूत रही है लेकिन इसके बावजूद अगर पार्टी इस सीट पर हारी है तो निश्चित तौर पर इसके लिए कहीं न कहीं वोटरों की उदासीनता जिम्मेदार है. बीजेपी के कद्दावर नेता माने जाने वाले सुरेश शर्मा और जिला अध्यक्ष रंजन कुमार की तकरार यह बता रही है कि हार वाली सीटों पर संगठन के अंदर अब घमासान और तेज हो सकता है.