PATNA: देश भर के दलितों का नेता बनने को बेताब चिराग पासवान को दिल्ली के दलितों ने नकार दिया है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में SC के लिए सुरक्षित सीमापुरी सीट से चिराग पासवान के उम्मीदवार की करारी हार तय हो चुकी है. बीजेपी के पूरे सपोर्ट के बावजूद आलम ये है कि LJP के उम्मीदवार की जमानत जैसे-तैसे बचेगी.
बीजेपी से तालमेल में LJP को मिली थी एक सीट
दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस दफे BJP ने बिहार की अपनी सहयोगी पार्टी एलजेपी के लिए एक सीट छोड़ी थी. एलजेपी को सीमापुरी की सुरक्षित सीट दी गयी थी. इस सीट से आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक राजेंद्र पाल गौतम विधायक हैं और इस दफे भी आप ने उन्हें ही टिकट दिया था. उन्हें मुकाबला देने के लिए एलजेपी ने संतलाल को अपना उम्मीदवार बनाया था.
अपने उम्मीदवार के पक्ष में वोटरों को गोलबंद करने के लिए चिराग पासवान ने पूरी ताकत झोंक दी थी. बीजेपी ने भी उन्हें भरपूर मदद की थी. इसके बावजूद एलजेपी उम्मीदवार की करारी हार तय हो चुकी है. खबर लिखे जाने तक सीमापुरी विधानसभा सीट पर 35 हजार से ज्यादा वोटों की गिनती हो चुकी थी. इनमें आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को 23 हजार वोट मिले हैं. वहीं एलजेपी उम्मीदवार को तकरीबन 8 हजार वोट मिले हैं. जाहिर है वोटों का अंतर इतना ज्यादा है कि एलजेपी उम्मीदवार की करारी हार तय हो चुकी है.
LJP पहले भी दिल्ली में जीत चुकी है चुनाव
चिराग पासवान से पहले रामविलास पासवान के दौर में भी एलजेपी दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ा करती थी. रामविलास पासवान के दौर में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ती थी और तब भी पार्टी एक सीट पर जीत हासिल कर लेती थी. इस दफे आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रहे शोएब इकबाल पहले एलजेपी के ही विधायक हुआ करते थे. चिराग पासवान बीजेपी से तालमेल करके लड़े फिर भी एक सीट पर भी चुनाव नहीं जीत सके.