DELHI : लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने BJP के रवैये को लेकर फिर सख्ती दिखायी है. एक इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा है कि किसी भी पार्टी से गठबंधन को लेकर उनके सारे रास्ते खुले हुए हैं. सही समय पर सही फैसला लिया जायेगा. चिराग पासवान ने फिर से कहा है कि तेजस्वी यादव उनके छोटे भाई की तरह हैं लेकिन इसका कोई सियासी मतलब नहीं निकाला जाना चाहिये.
क्या बोले चिराग पासवान
दिल्ली में एक मीडिया साक्षात्कार में चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी में जो कुछ हुआ उसे लेकर बीजेपी की चुप्पी से वे आहत हैं. उन्होंने बीजेपी का हर बुरे वक्त में साथ दिया. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि बीजेपी नीतीश कुमार के कहने पर काम कर रही है. चिराग ने फिर से कहा कि उन्होंने खुद को नरेंद्र मोदी का हनुमान बताया था. आज नीतीश कुमार हनुमान का राजनीतिक वध करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में राम क्यों चुप हैं?
बिहार में नये सियासी गठजोड़ को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि राजनीतिक गठबंधन चुनाव लड़ने के लिए होता है. फिलहाल तो वे अपनी पार्टी को मजबूत करेंगे. चुनाव का समय आने पर ये तय किया जायेगा कि किस पार्टी के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरा जाये. चिराग ने इशारों में साफ कर दिया कि बीजेपी इसी तरह से नीतीश कुमार के कहे मुताबिक चलती रही तो उनके लिए विपक्षी खेमे में जाने का रास्ता खुला है.
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज फिर से दुहराया कि तेजस्वी यादव से उनकी लगातार बात होती रहती है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी मेरे छोटे भाई हैं औऱ मैंने हमेशा इस बात को ऑन रिकार्ड कहा है. हम दोनों ऐसे परिवार से आते हैं जहां उनके पिता औऱ मेरे पिता दोनों एक अच्छे मित्र रहे हैं. दोनों ने लंबे समय तक एक साथ काम किया है. इस नाते मेरी उनसे लगातार बात होती रहती है. ऐसा नहीं है कि ये प्रकरण चल रहा है इसलिए उनसे मेरी बात हो रही है. उनसे मेरी निरंतरता में बात होती रहती है. लेकिन इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिये.
नरेंद्र मोदी से फिर पूछा सवाल
चिराग पासवान ने फिर से नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा है कि उनके हनुमान का वध हो रहा है तो क्या राम खामोश देखते रहेंगे. चिराग ने कहा कि पिछले 7 सालों में उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए हनुमान का काम किया है. उनके हर फैसले का समर्थन किया है. चाहे वो चुनाव का मामला हो या फिर संसद में विवादित विधेयकों को पास कराने का मौका. चाहे तो राम मंदिर का मसला हो या फिर धारा 370 या ट्रिपल तलाक या CAA-NRC का मसला.
चिराग ने कहा कि ऐसे हर मौके पर उन्होंने नरेंद्र मोदी का साथ दिया. वहीं ऐसे हर मौके पर नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी का विरोध किया. CAA-NRC के खिलाफ तो उन्होंने बकायदा विधानसभा से प्रस्ताव पारित करा दिया. अब वही नीतीश कुमार अगर चिराग पासवान का राजनीतिक वध करने में लगे हैं तो नरेंद्र मोदी का खामोश रहना उचित नहीं दिखता.