PATNA: चिराग पासवान को बीजेपी से फिर बड़ा झटका मिला है। दिल्ली के 12 जनपथ स्थित जिस बंगले में वे फिलहाल रह रहे हैं उसे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को देने की पूरी तैयारी कर ली गयी है। हालांकि आधिकारिक नोटिफिकेशन फिलहाल नहीं निकला है। लेकिन सांसदों के लिए बने एमएस फ्लैट में रह रहे रेल मंत्री को वही बंगला देने का फैसला ले लिया गया है जो पहले रामविलास पासवान के नाम आवंटित था। हालांकि चिराग पासवान ने उस बंगले को कुछ दिन औऱ अपने पास रहने देने की गुहार केंद्र सरकार के पास लगायी हुई है। केंद्र सरकार ने उसे रिजेक्ट भी नहीं किया है लिहाजा असमंजस की स्थिति बनी हुई है
गौरतलब है कि दिल्ली में 12 जनपथ के बंगले की पहचान रामविलास पासवान के नाम से ही होती रही है. 1989 से ही रामविलास पासवान उस बंगले में रहते आये हैं. अक्टूबर 2020 में उनके निधन तक बंगला उनके नाम ही आवंटित रहा. चिराग पासवान ने अपनी लगभग पूरी जिंदगी उसी 12, जनपथ के बंगले में गुजारी है.
इससे पहले चिराग पासवान को 12 जनपथ का बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था. केंद्रीय आवास एवं नगर विकास मंत्रालय ने चिराग पासवान को नोटिस भेजकर उस बंगले को खाली करने को कहा था जो उनके पिता रामविलास पासवान के नाम आवंटित था. सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान को पिछले 14 जुलाई को 12 जनपथ खाली करने का आखिरी नोटिस मिला था. सूत्रों ने ये भी बताया कि उससे पहले भी चिराग पासवान को दो दफे बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था.
रेल मंत्री ने नहीं दिखायी है जल्दबाजी
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फिलहाल 12 जनपथ के बंगले में शिफ्ट होने की जल्दबाजी नहीं दिखायी है. उनकी ओऱ से ऐसी कोई मांग केंद्र सरकार से नहीं की गयी है. लेकिन वे एक साथ कई मंत्रालयों का काम संभाल रहे हैं. लिहाजा सांसदों के लिए बने एमएस फ्लैट से बड़े बंगले में शिफ्ट होना उनकी मजबूरी है. अश्विनी वैष्णव के पास रेल के अलावा इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी और संचार मंत्रालय है. उन्हें टाइप-8 का बंगला आवंटित होना है.
चिराग के आवेदन पर अभी भी विचार
वैसे चिराग पासवान ने कुछ दिनों के लिए बंगला अपने पास रहने देने का आवेदन केंद्र सरकार को दिया था. सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान ने केंद्र सरकार को कहा है कि वे बिहार में यात्रा पर हैं लिहाजा उन्हें कुछ औऱ समय दिया जाये. चिराग पासवान से जुड़े लोगों के मुताबिक रामविलास पासवान के परिजन चाहते हैं कि स्व. पासवान की बरसी तक ये बंगला उनके पास ही रहने दिया जाये. 8 अक्टूबर 2020 को रामविलास पासवान का निधन हुआ था. चिराग पासवान इस साल 8 अक्टूबर के बाद बंगला खाली करने को तैयार हैं. चिराग के आवेदन को केंद्र सरकार ने न स्वीकार किया है औऱ ना ही रिजेक्ट किया है.
सूत्र ये भी बताते हैं कि केंद्र सरकार ने 12 जनपथ के बंगले को पहले रामविलास पासवान के भाई औऱ केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को देने का ऑफर दिया था. लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. पारस चिराग पासवान को अकेला छोड़ कर पांच सांसदों के अलग गुट बना चुके हैं. उनका दावा है कि अब लोजपा के नेता वही हैं और उनके साथ ही पूरी पार्टी है.