भतीजे के समर्थन में सामने आए पारस, बोले.. LJP चिराग के नेतृत्व में है एकजुट

भतीजे के समर्थन में सामने आए पारस, बोले.. LJP चिराग के नेतृत्व में है एकजुट

PATNA : एलजेपी में बड़ी टूट का दावा करने वाले केशव सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब चिराग पासवान के समर्थन में उनके चाचा पशुपति कुमार पारस उतर पड़े हैं. पशुपति कुमार पारस ने भतीजे चिराग के समर्थन में एक बयान जारी किया है. पारस ने कहा है कि चिराग पासवान के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी के सभी सांसद नेता एकजुट है पार्टी में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है.

एलजेपी सांसद और स्व रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि कुछ पार्टी विरोधी तत्व चुटकी भ्रामक खबरें फैला रहे हैं. जिसका कोई आधार नहीं है पार्टी ने विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने का फैसला किया और इस फैसले के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सभी नेताओं से विचार-विमर्श किया था. सांसदों से भी इस फैसले के पहले चर्चा की गई थी और उन्हें लगता है कि चिराग पासवान के नेतृत्व में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया है. बिहार में एलजेपी का जनाधार बढ़ा है और आगे भी चिराग पासवान की तरफ से दिए जाने वाले फैसलों के साथ पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मजबूती के साथ खड़े रहेंगे.

उधर पार्टी के नेता अशरफ अंसारी ने एलजेपी में टूट खबर को विरोधियों की तरफ से प्लांटेड बताते हुए कहा है कि उनकी पार्टी मजबूत थी और हमेशा मजबूत रहेगी. इसके पहले एलजेपी नेता केशव सिंह ने यह दावा किया था कि पार्टी में जल्द ही बड़ी टूट होने वाली है. केशव सिंह ने चिराग पासवान के फैसलों पर सवाल खड़े किए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद केशव सिंह ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर पार्टी के सांसदों के अलग होने की भविष्यवाणी भी कर दी थी. इसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की. लोजपा से निकाले जाने के बाद केशव सिंह ने कहा कि चिराग पासवान संस्थापक रामविलास पासवान के बताये रास्ते से भटक गए हैं. वे लोजपा को निजी कंपनी की तरह चला रहे हैं. वे अपने एक पीए की सलाह पर काम कर रहे हैं, जबकि सांसदों और नेताओं की कोई पूछ नहीं है.


हालांकि लोजपा ने पहले ही प्रदेश कमेटी को भंग कर दिया है. दो दिन पहले ही लोजपा प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी की प्रदेश कमेटी समेत सभी जिलों की इकाई और प्रकोष्ठों को भंग कर दिया गया था. चिराग पासवान ने  दो महीने के अंदर नई कमिटियां गठित करने का भी एलान किया था.