चिराग ने अब सीधा नरेंद्र मोदी से पूछा सवाल: हनुमान के वध की कोशिश हो रही है, राम खामोश क्यों हैं?

चिराग ने अब सीधा नरेंद्र मोदी से पूछा सवाल: हनुमान के वध की कोशिश हो रही है, राम खामोश क्यों हैं?

PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी में छिडे जंग के बीच पहली दफे चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा है. चिराग पासवान ने नरेंद्र मोदी से पूछा है कि जब उनके हनुमान के वध की कोशिश की जा रही है तो राम खामोश क्यों हैं. चिराग ने कहा कि ऐसे मौके पर राम का चुप रहना शोभा नहीं देता. 


पहली दफे पीएम पर बोले चिराग
लोजपा में छिड़ी जंग के बीच पहली दफे चिराग पासवान ने सीधे प्रधानमंत्री से सवाल पूछा है. एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए चिराग ने कहा कि 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को जब भी जरूरत हुई तब रामविलास पासवान और लोक जनशक्ति पार्टी ने उनका साथ दिया. 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी कर रहे थे तो जो लोग उनका जमकर विरोध कर रहे थे उन्हीं लोगों ने लोजपा को तोड़ने और चिराग पासवान की सियासी हत्या करने की साजिश रची है. लेकिन बीजेपी क्यों खामोश है. बीजेपी क्यों नहीं बोल रही है. 


अभी भी मोदी से उम्मीद
चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें अभी भी मोदी से उम्मीद है. वे रामविलास पासवान की विरासत को खत्म करने वालों का साथ नहीं दे सकते. प्रधानमंत्री खुद हस्तक्षेप कर बीजेपी का स्टैंड क्लीयर करायेंगे. चिराग पासवान ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं. 


एक तरफा प्यार नहीं करेंगे
इससे पहले चिराग पासवान कह चुके हैं कि वे बीजेपी से एकतरफा प्यार नहीं करेंगे. उन्होंने बीजेपी का हर मौके पर साथ दिया लेकिन अगर बीजेपी इस तरीके से नीतीश कुमार का साथ देती रही तो फिर उनके लिए भी रिश्ता निभाना मुश्किल होगा. चिराग पासवान ने इशारों में कह दिया है कि अगर बीजेपी ने चुप्पी नहीं तोड़ी तो वे उसके खिलाफ जाने को तैयार हैं. 


गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय चिराग पासवान ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान हैं. उन्होंने कहा था कि अगर उनके सीने को चीरा जाये तो उसमें नरेंद्र मोदी की तस्वीर सामने आयेगी. हालांकि लोजपा में टूट के तुरंत बाद जब चिराग पासवान से पूछा गया था कि क्या वे अपने राम से मदद मांगेगे तो चिराग ने कहा था कि अगर हनुमान को राम से मदद मांगनी पड़े तो कैसा हनुमान औऱ कैसा राम.  सियासी हलके में चर्चा यही होती रही है कि बीजेपी की सहमति से ही चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरे थे. चिराग की रणनीति से ही बीजेपी जेडीयू से काफी ज्यादा तादाद में उम्मीदवारों को जीत दिलाने में सफल रही थी.