चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने की कोरोना मामले की सुनवाई, पटना हाईकोर्ट ने जांच को लेकर सवाल खड़े किए

चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने की कोरोना मामले की सुनवाई, पटना हाईकोर्ट ने जांच को लेकर सवाल खड़े किए

PATNA : बिहार में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण से स्थिति बदतर होते जा रही है. उधर पटना हाईकोर्ट में कोरोना से जुड़े मामलों की रोज सुनवाई हो रही है. इसी कड़ी मेंसोमवार को कोरोना संक्रमण की रोकथाम की समीक्षा करने वाली खंडपीठ ने मामले पर आंशिक सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार के आधे अधूरे रिपोर्ट को देखते हुए मामले पर अगली सुनवाई बुधवार को करने का निर्देश दिया. सोमवार को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की. 


इससे पहले राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए हर संभव काम कर रही है. कोरोना संक्रमितों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सके इस बारे में कार्रवाई की गई है. कोरोना अस्पतालों में बेड तथा ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए कई कार्य किए गए हैं. साथ ही दवा की कमी ना हो इस बारे में भी कार्य किया गया है. 


कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से जवाब मांगा था उसका पूरा जवाब दाखिल क्यों नहीं किया गया. इसको लेकर सूबे के मुख्य सचिव को मांगे गए सभी सवालों की पूरी जानकारी देने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि कई जिलों में अभी भी कोरोना जांच शुरू नहीं की गई है. कोर्ट ने मुख्य सचिव को यह बताने को कहा है कि कई जिलों में अब तक क्यों नहीं लोगों की कोरोनावायरस की जांच की जा रही है. साथ ही कितने लोगों को अबतक वैक्सीन दी गई है इसका भी डाटा कोर्ट ने मांगा है.


कोर्ट ने महाधिवक्ता से यह भी जानना चाहा कि कोरोना मरीजों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाने के लिए डॉक्टरों की जो कमेटी का गठन किया जाना था, उस बारे में क्या कार्रवाई की गई. खंडपीठ ने इस बात को लेकर थोड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि किस जिले के किस अस्पताल में कितने बेड हैं और कितने खाली हैं, उस बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है. कोर्ट ने डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की बहाली प्रक्रिया को लेकर भी जानकारी जाननी चाही. 


वहीं कोर्ट ने NMCH के अधीक्षक की उस चिट्ठी पर भी सवाल खड़ा किया जिसमें उन्होंने रेमडेसिविर दवा का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने इस बारे में भी महाधिवक्ता को देखने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह भी जानना चाहा कि कालाबाजारी के लिए रखे गए ऑक्सीजन सिलेंडर जिसे पुलिस ने जब्त किया था उसको छोड़ने के संबंध में क्या कार्रवाई की गई है.