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BIHAR: मधुबनी में नकली लॉटरी और सट्टा का जाल: गांव से शहर तक फैला काला कारोबार, प्रशासन मौन

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 20 May 2025 10:33:28 PM IST

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लॉटरी का काला कारोबारी - फ़ोटो google

BIHAR: बिहार के मधुबनी जिले में नकली लॉटरी और सट्टा का अवैध कारोबार तेजी से पनप रहा है, जिससे आम लोगों की मेहनत की कमाई दिन-प्रतिदिन लुटती जा रही है। यह काला कारोबार मधुबनी शहर से लेकर गांवों तक व्यापक रूप से फैल चुका है, और यह सब कुछ जिला प्रशासन की नाक के नीचे खुलेआम चल रहा है।


साधारण लोग बन रहे हैं ठगी के शिकार

गंभीर चिंता की बात यह है कि यह धंधा उन लोगों को निशाना बना रहा है जो दिनभर मेहनत-मजदूरी कर जीवनयापन करते हैं। असली और नकली के फर्क को न समझ पाने वाले ये लोग चंद रुपए के लालच में नकली लॉटरी और सट्टा के झांसे में आ जाते हैं। नतीजा यह होता है कि वे अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा इस जाल में फंसा बैठते हैं, जबकि इस अवैध धंधे से जुड़े लोग तेजी से मालामाल हो रहे हैं।


शहर के कई इलाके बने केंद्र

शहर में कई प्रमुख स्थान नकली लॉटरी और सट्टा के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। इनमें बाटा चौक, नीलम चौक, गदियानी चौक, लहरिया गंज, स्टेशन चौक, बड़ा बाजार, कोतवाली चौक, भौआरा और मच्छट्टा चौक जैसे इलाके शामिल हैं। इन क्षेत्रों में दिनभर खुलेआम यह अवैध कारोबार चलता रहता है। 


लोहापट्टी स्थित गणेश मंदिर के पास एक पान की गुमटी नकली लॉटरी का संचालन केंद्र बताया जा रहा है, जहां से पूरे शहर में टिकटों की सप्लाई की जाती है। वहीं, बाटा चौक से नीलम चौक के बीच का इलाका सट्टा कारोबार का मुख्य अड्डा बना हुआ है, जहां एक नंबर और दो नंबर सट्टा का संचालन किया जाता है।


ग्रामीण इलाके भी नहीं बचे

मधुबनी जिले के ग्रामीण क्षेत्र भी इस अवैध धंधे की चपेट में आ चुके हैं। सकरी और पंडौल बाजार जैसे इलाकों में भी यह कारोबार बिना किसी रोकटोक के चल रहा है। ग्रामीण जनता, खासकर दिहाड़ी मजदूर और निम्न आय वर्ग के लोग, इस जाल में फंसकर आर्थिक रूप से तबाह हो रहे हैं।


स्थानीय छपाई, संगठित नेटवर्क

सूत्रों की मानें तो नकली लॉटरी की छपाई स्थानीय स्तर पर ही मधुबनी जिले में की जा रही है। यह एक संगठित नेटवर्क के तहत संचालित होता है, जिसमें कई लोग विभिन्न भूमिकाओं में शामिल हैं — टिकट छापने से लेकर बेचने और सट्टा के नंबर तय करने तक।


प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

यह सब कुछ जिले के प्रशासनिक अमले के सामने हो रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। आमजन यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रशासन को इस गोरखधंधे की जानकारी नहीं है, या फिर कहीं न कहीं से संरक्षण मिल रहा है? मधुबनी में नकली लॉटरी और सट्टा का यह गोरखधंधा आर्थिक नुकसान पहुंचा रहा है। जरूरत है कि प्रशासन सख्त कार्रवाई कर इस अवैध व्यापार पर लगाम लगाए और आम लोगों की मेहनत की कमाई को लुटने और लोगों को कंगाल होने से बचाया जाए।