ब्रेकिंग न्यूज़

गुंडों ने राजा यादव को दी तालिबानी सजा, गर्म रॉड ऐसा घुसाया कि हाथ काटना पड़ा, BJP अध्यक्ष ने हॉस्पिटल में की मुलाकात बड़हरा में राजद का प्रचार रथ रवाना, हर घर तक पहुंचेगा 'माई बहिन योजना' का संदेश Patna News: पटना में 48.96 करोड़ की लागत से बनेगा आधुनिक हाट, बिहार की लोक कला और संस्कृति की दिखेगी झलक Patna News: पटना में 48.96 करोड़ की लागत से बनेगा आधुनिक हाट, बिहार की लोक कला और संस्कृति की दिखेगी झलक Bihar News: बिहार में महिला ने एकसाथ तीन बच्चों को दिया जन्म, तीनों बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ Patna Crime News: पटना के बड़े बालू माफिया रामाकांत यादव की गोली मारकर हत्या, ताबड़तोड़ फायरिंग से दहला इलाका Patna Crime News: पटना के बड़े बालू माफिया रामाकांत यादव की गोली मारकर हत्या, ताबड़तोड़ फायरिंग से दहला इलाका आरा में पटना STF की बड़ी कार्रवाई: हथियार और कारतूस के साथ तस्कर को दबोचा मुंगेर में ट्रैक्टर के नाम से बन गया आवासीय प्रमाण पत्र, सरकारी लापरवाही उजागर Corruption in Bihar: धनकुबेर DSP साहब के पास क्या-क्या मिला ? आलीशान घर, 9 सेल डीड, 20 बैंक अकाउंट और भी बहुत कुछ, जानें...

छात्रों का आंदोलन थमते ही रेलवे का नया पेंच, कहा.. हमारे यहां अप्रेंटिस मतलब पक्की नौकरी की गारंटी नहीं

1st Bihar Published by: Updated Tue, 01 Feb 2022 09:12:05 AM IST

छात्रों का आंदोलन थमते ही रेलवे का नया पेंच, कहा.. हमारे यहां अप्रेंटिस मतलब पक्की नौकरी की गारंटी नहीं

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में बीते हफ्ते रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर छात्रों का जो आंदोलन शुरू हुआ था, वह पूरी तरीके से थम चुका है. रेल मंत्री के ऐलान के बाद एनटीपीसी और आरआरबी के अभ्यर्थियों ने अपना आंदोलन तत्काल रोक दिया. लेकिन अब एक बार फिर रेलवे के ताजा बयान से छात्रों में आक्रोश बढ़ सकता है. 


दरअसल, रेलवे में अप्रेंटिस को पक्की नौकरी की गारंटी मानने से इनकार कर दिया है. आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट में धांधली के आरोपों को लेकर बवाल के बीच रेलवे ने एक और स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि उनके यहां से अप्रेंटिस भर कर लेने का मतलब स्थायी नौकरी की गारंटी नहीं है. बोर्ड की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि रेलवे प्रतिष्ठानों में अप्रेंटिस किए युवाओं को सीधे स्थायी नौकरी नहीं दी जा सकती है. यह कानूनन संभव नहीं है. इनके लिए भी निर्धारित भर्ती प्रक्रिया, अर्थात लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा से गुजरना आवश्यक है, जिससे अन्य सभी उम्मीदवारों को गुजरना पड़ता है. 


अप्रेंटिस किए युवा यदि खुली भर्ती परीक्षा में बैठते हैं, तो उन्हें चयन के दौरान न्यूनतम योग्यता अंक और चिकित्सा मानकों में दूसरों उम्मीदवारों पर उन्हें वरीयता दी जाती है. बोर्ड के मुताबिक, भारतीय रेल अगस्त 1963 से अप्रेंटिस अधिनियम के तहत विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. इसके लिए चयन बिना किसी प्रतियोगिता परीक्षा के छात्रों की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर प्रशिक्षु के रूप में किया जाता है. 


रेलवे का यह भी दावा है कि वह ऐसे उम्मीदवारों को केवल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बाध्य था. लेकिन, जिन्होंने प्रशिक्षण पूरा कर लिया था, उन्हें 2004 से लेवल 1 पदों के लिए विकल्प के रूप में नियुक्त किया जा रहा है. विकल्प के तौर पर इनकी नियुक्ति अस्थायी है. इसलिए अब स्थायी नौकरी की इनकी मांग कानूनन सही नहीं है. क्योंकि, यह संवैधानिक प्रावधानों और सार्वजनिक रोजगार के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन होगा.