चारा घोटाला मामले में CBI कोर्ट ने खारिज की लालू की याचिका

चारा घोटाला मामले में CBI कोर्ट ने खारिज की लालू की याचिका

DESK: इस वक्त की बड़ी खबर रांची से आ रही है जहां चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव सहित 112 लोगों की याचिका को CBI कोर्ट ने खारिज कर दी है। सीबीआई कोर्ट ने बीच का रास्ता निकालते हुए कहा कि जो फिजिकल पक्ष रखना चाहते हैं वे कोविड के नियमों का पालन करते हुए अपना पक्ष रख सकते हैं। वहीं ONLINE सुनवाई के दौरान पक्ष रखने की छूट कोर्ट ने प्रदान की है।


चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद सहित 112 अभियुक्तों की याचिका पर आज सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में सुनवाई हुई। सीबीआइ के जवाब को देखते हुए कोर्ट ने लालू सहित सभी की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने यह कहा कि इस मामले की सुनवाई प्रत्येक दिन होनी है।


ऐसे में जिन्हें कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना है वे कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए ऐसा कर सकते हैं। बहस के दौरान अधिकतम पांच व्यक्ति ही कोर्ट में उपस्थित रह सकते हैं। 


वहीं जिन्हें ONLINE पक्ष रखना है वे ONLINE सुनवाई में शामिल हो सकते हैं। इस मामले में लालू सहित 112 लोगों की ओर से फिजिकल सुनवाई शुरू होने के बाद अदालत में पक्ष रखने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। अब इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से 13 अगस्त से बहस शुरू की जाएगी।  


चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं लेकिन लालू के खिलाफ चारा घोटाला के सबसे महत्वपूर्ण डोरंडा कोषागार से निकासी के मामले में अभी फैसला आना बाकी है। इस केस में अब सुनवाई तेज हो चुकी है। लालू से जुड़े इस केस में आज अहम सुनवाई हुई।


दरअसल चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट को यह तय करना था कि डोरंडा केस में सुनवाई फिजिकल होगी या नहीं। सोमवार को इस केस में आरोपियों की तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बहस नहीं की गई। बचाव पक्ष के वकीलों ने अपने-अपने आरोपियों की ओर से मामले में फिजिकल तरीके से बहस का आग्रह किया था। 


आरोपियों के वकीलों की तरफ से कोर्ट में आवेदन भी दिया गया था। आवेदन के माध्यम से आरोपियों के वकील ने कोर्ट से मामले में फिजिकल तरीके से बहस करने की अनुमति मांगी थी। लालू प्रसाद सहित सभी की ओर से फिजिकल सुनवाई शुरू होने के बाद पक्ष रखने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि फिलहाल सीबीआइ कोर्ट के आदेश की समीक्षा करने के बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।