DESK : देश में आपने आम लोगों को तो बहुत बार बंधक बनते हुए सुना होगा। इतना ही नहीं कभी- कभी किसी वीआईपी को भी बंधक बनाए जाने की खबरें सामने आती रहती है। लेकिन, ऐसा बहुत ही कम बार देखने को मिलता है कि किसी प्रदेश के सीएम को ही बंधक बना लिया गया हो। वो भी पांच या 10 मिनट के लिए नहीं बल्कि पुरे चार घंटों के लिए। इस दौरान इनको छुड़ाने के लिए विधायक भी पहुंचे लेकिन उनकी भी धमक काम नहीं आ सकी और मजबूरन उन्हें भी खाली हाथ लौटना पड़ा। मामला कुछ इस तरह का था कि पुलिस प्रसाशन भी मदद नहीं कर पाई।
दरअसल, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर अपने इलाके के महेंद्रगढ़ में तीन दिवसीय जनसंवाद कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे, इनका अंतिम कार्यक्रम सीमहा गांव में था। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों ने गांव को उप तहसील के दर्जा देने की मांग कर दी तो सीएम ने उनकी मांगों को मानते हुए सीमहा को उप तहसील का दर्जा देने का ऐलान कर दिया। लेकिन जैसे ही गांव वालों को ये पता लगा कि गांव सीमहा को तहसील न बनाकर उप तहसील बनाया गया है तो गांव वालों ने मुख्यमंत्री के स्वागत का बहिष्कार कर दिया और रात को ही मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरु कर दी।
वहीं,मनोहर लाल खट्टर के इस एलान के बाद गांव वाले इस कदर नाराज हो गए कि जहां सीएम को अपने काफिले समेत विश्राम करना था वहां भी ये लोग इकट्ठा हो गए और जमकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया। इस दौरान अटेली के विधायक सीताराम वहां पहुंचे और लोगों से बात करने लगे, लेकिन गांव वालों ने विधायक जी को भी आड़े हाथों ले लिया और उनके खिलाफ भी नारेबाजी करने लगे। इसके बाद लोगों की समझाने की जिम्मेदारी पूर्व शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने उठाया लेकिन जैसे ही लोगों ने उनको अपने पास आता देखा तो उनके खिलाफ भी नारेबाजी शुरू कर दी। देखते ही देखते स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई। इस दौरान करीब चार घंटे तक सीएम लोगों के इस विरोध के बीच बंधक बने रहे। जबकि इस दौरान उन्हें एक कार्यक्रम में भी शामिल होना था।
इधर, गांव में तनाव का माहौल देखते हुए प्रदेश के बड़े अफसर, सीआईडी विभाग के डीजीपी, सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचने लगे। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक ना हो इसको लेकर अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर लगाया गया। तभी मामला को तूल पकड़ता देख मुख्यमंत्री ने गांव के कुछ लोगो को बात करने के लिए अंदर बुलाया। इसके बाद लंबी बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उन्हें स्थिति का पता नहीं था। उन्होंने अपनी घोषणा में बदलाव करते हुए कहा कि अगला दौरा अटेली मंडी विधानसभा का होगा तब इसमें सर्वे करवा कर उचित स्थान को उप तहसील बनाया जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को उनके अगले कार्यक्रम स्थल पर जाने दिया।