चाचा-भतीजा पर सवालों से इतनी बौखलाहट: चार मिनट में प्रेस कांफ्रेंस से निकल गये पशुपति कुमार पारस

चाचा-भतीजा पर सवालों से इतनी बौखलाहट: चार मिनट में प्रेस कांफ्रेंस से निकल गये पशुपति कुमार पारस

PATNA : पटना में आज जब लोजपा के बागी गुट द्वारा पशुपति कुमार पारस को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की कवायद की जा रही थी तो एलान किया गया था कि अध्यक्ष बनने के बाद पारस हर सवाल का जवाब देंगे. मीडिया को प्रेस कांफ्रेंस में आने का न्योता मिला था. लेकिन जब प्रेस कांफ्रेंस शुरू हुआ तो चार सवालों में पारस पत्थर हो गये. पहले मीडिया वालों से तू तड़ाक पर उतरे और फिर प्रेस कांफ्रेंस खत्म कर निकल लिये. पत्रकार सवाल पूछते रह गये पारस सब अनसुनी करते हुए ऐसे निकले जैसे कुछ सुन ही नहीं रहे हों.


पारस के बड़े भाई की सीख
दरअसल आज दिन भर सूरजभान के घर पर पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की कवायद हुई. शाम पांच बजे पारस को राष्ट्रीय .अध्यक्ष बनाने का एलान कर दिया औऱ फिर उनका कुनबा सूरजभान के घर से लोजपा कार्यालय पहुंच गया. मीडिया की टीम वहां मौजूद थी. मीडिया के सामने पारस की ताजपोशी की रस्म अदायगी हुई औऱ फिर पशुपति कुमार पारस ने बोलना शुरू किया. 


“मैं आज लोजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गया हूं. पार्टी के अंदर कोई विरोध नहीं है. विरोध होता हो मैं निर्विरोध अध्यक्ष नहीं बनता. मैं अपने बड़े भाई स्व. रामविलास पासवान के सपनों को पूरा करने की कोशिश करूंगा. मेरे बडे भाई कहते थे कि अगर अमीर-गरीब में झगड़ा हो तो गरीब का पक्ष लो, औऱत-मर्द में लडाई हो तो औऱत का साथ देना. मैं उसी विचारधारा को आगे बढाऊंगा.”


चाचा-भतीजा के सवाल से बौखलाये पारस
पारस के भाषण के बाद मीडिया ने सवाल पूछना शुरू किया. पत्रकारों ने पूछा –पारस जी, आपने कहा कि बड़े भाई रामविलास पासवान ने कहा था कि अमीर-गरीब औऱ औरत-मर्द की लडाई में किसका साथ देना है. क्या रामविलास पासवान जी ने ये नहीं बताया था कि चाचा-भतीजा की लड़ाई में किसका साथ देना चाहिये. इसके बाद पारस बौखलाये. सवाल पूछने वाले को हड़काया. कहा-अलूल-जलूल सवाल मत पूछिये. अगले लाइन में तू-तडाक पर उतरे. अरे य़ार ठीक से सवाल पूछो. सवाल जारी रहा पारस बौखलाते रहे. बौखलाहट में कहा-भतीजा तानाशाह हो जाये तो चाचा क्या करेगा. क्या करेगा बताओ. 


पारस की बौखलाहट बढ गयी थी और इसी बीच दूसरा सवाल आ गया. पत्रकारों ने पूछा-आपने कहा था कि पार्टी में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला होगा. लेकिन आप खुद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गये हैं, पार्टी के संसदीय दल के नेता है औऱ दलित सेना के भी अध्यक्ष हैं. ये कौन सा एक व्यक्ति-एक पद का फार्मूला है. सवाल सुनते ही पारस की बौखलाहट औऱ बढी. सफाई देते नहीं बन रही थी. कहा-जिस दिन मैं मंत्री बनूंगा उस दिन ससदीय दल के नेता पद से इस्तीफा कर दूंगा. पत्रकारों ने पूछा अभी तीन पद क्यों संभाल रहे.


पत्रकारों के सवालों का जवाब देने में पारस के पसीने छूट रहे थे. लिहाजा अचानक से उन्होंने माइक छोडा औऱ फिर प्रेस कांफ्रेंस समाप्त होने का एलान कर दिया. पत्रकार सवाल पूछते रह गये, पारस ऐसे निकले जैसे वे कुछ सुन ही नहीं रहे हों. पत्रकार पूछ रहे थे कि उनके सांसद प्रिंस राज कहां है. कहीं नजर नहीं आ रहे. जवाब देने वाला कोई नहीं था.