Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह और खेसारी लाल यादव समेत इन भोजपुरी सितारों ने डाला वोट, कहा- पहले मतदान, फिर जलपान Bihar Election 2025: पावर स्टार पवन सिंह और खेसारी लाल यादव समेत इन भोजपुरी सितारों ने डाला वोट, कहा- पहले मतदान, फिर जलपान Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में वोटिंग जारी, पिछले तीन चुनावों के पैटर्न से क्या मिल रहे संकेत? Bihar Election 2025 : अनंत सिंह के मोकामा समेत पटना के सभी विधानसभा सीटों पर कैसी चल रही वोटिंग? इस रिपोर्ट से सब होगा क्लियर Bihar Election 2025: ग्रामीण वोटरों में दिख रहा गजब का उत्साह,आयोग ने शहरी मतदाओं से भी घर से बाहर निकलने का किया अपील Bihar Election 2025 : मतदान के बीच पीएम मोदी की दो बड़ी रैलियां, अररिया और भागलपुर में जनसभा, देंगे जीत का मंत्र Bihar Election 2025: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तारापुर में किया वोट, मतदाताओं से की यह अपील Bihar Election 2025: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तारापुर में किया वोट, मतदाताओं से की यह अपील Bihar election 2025 : 'तवा से रोटी पलटती रहनी चाहिए...', फर्स्ट फेज इलेक्शन के बीच बोले लालू, अपने अंदाज में लोगों से किया बड़ा अपील Bihar Election 2025: सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच बिहार में वोटिंग जारी, नाव और घोड़ों से मतदान केंद्रों की सघन पेट्रोलिंग; गड़बड़ी किया तो खैर नहीं
1st Bihar Published by: Updated Tue, 18 Oct 2022 07:23:13 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज दिल्ली की सीबीआई अदालत में पेश होंगे दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में तेजस्वी यादव के खिलाफ जो मामला चल रहा है, उसी में उनकी पेशी होनी है। दरअसल सीबीआई की तरफ से तेजस्वी यादव की जमानत रद्द कराने को लेकर कोर्ट में एक पिटीशन दायर की गई थी इस मामले में कोर्ट की तरफ से तेजस्वी को नोटिस जारी किया गया था और आज पेशी है।
सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए तेजस्वी यादव सोमवार की शाम ही पटना से दिल्ली रवाना हो गए थे कोर्ट में पेशी को लेकर सवाल किए जाने पर तेजस्वी यादव ने न्यायालय के ऊपर पूरा भरोसा जताया था हालांकि तेजस्वी यादव के ऊपर आरोप है कि उन्होंने केंद्रीय एजेंसी को खुले मंच से धमकी दी।
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की जांच प्रभावित करने के लिए न सिर्फ सीबीआई के अधिकारियों बल्कि उऩके परिवार के लोगों को भी खुले मंच से धमकी दी। तेजस्वी यादव ने जनसभा के अलावा प्रेस कांफ्रेंस कर कानूनी कार्रवाई को रोकने की कोशिश की। उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे अनुसंधान के साथ साथ कोर्ट में चल रहे ट्रायल को रोकने की कोशिश की। तेजस्वी ने देश के संविधान को भी नीचा दिखाया है। ये वो आरोप हैं जो सीबीआई ने दिल्ली की कोर्ट में याचिका दायर कर लगाये थे। दिल्ली के राउस एवेन्यु के विशेष सीबीआई कोर्ट में तेजस्वी के खिलाफ दायर याचिका में बेहद गंभीर आरोप लगाये गये थे। CBI ने कहा था कि तेजस्वी यादव को जमानत देकर कोर्ट ने स्वतंत्रता दी थी लेकिन वे खुलेआम इसका दुरूपयोग कर जांच और ट्रायल में बाधा डाल रहे हैं। सीबीआई की अर्जी में तेजस्वी पर लगाये गये आरोप बेहद गंभीर हैं। कोर्ट ने अगर इसे सही माना तो तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
जानिए पूरा मामला
तेजस्वी यादव को इस कोर्ट में हाजिर होकर सीबीआई की तरफ से लगाए गए आरोपों पर अपना पक्ष देना होगा। सीबीआई कह रही है कि तेजस्वी यादव को जमानत देते समय कोर्ट ने ये शर्त रखी थी कि वे किसी भी सूरत में जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. कोर्ट ने जमानत के आदेश में साफ कहा था कि अगर बेल की किसी शर्त का उल्लंघन किया गया तो जमानत को तत्काल रद्द कर दिया जायेगा. लेकिन तेजस्वी यादव जो कर रहे हैं उससे साफ है कि वे जमानत की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। तेजस्वी यादव गंभीर आर्थिक अपराध के आऱोपी हैं। सीबीआई ने कहा है कि उसकी याचिका में दी गयी जानकारी के आधार पर तेजस्वी यादव की जमानत तत्काल रद्द कर दी जानी चाहिये।
बीते 17 सितंबर को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में जमानत खारिज करने की ये याचिका दायर की गयी थी. सीबीआई की तरफ से अधिवक्ता डीपी सिंह औऱ मनु मिश्रा ने अदालत में पक्ष रखा। इसके बाद विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था।
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव समेत लालू यादव, राबड़ी देवी औऱ अन्य के खिलाफ IRCTC घोटाले में सीबीआई ने 2017 में केस दर्ज किया था. कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2018 को तेजस्वी यादव को जमानत दे दी थी. सीबीआई IRCTC घोटाले में कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है, जिसका कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है. कोर्ट ने माना है कि रेलवे की सहायक कंपनी IRCTC के दो होटलों को लीज पर देने में गड़बड़ी का आऱोप है.
बता दें कि मामला 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू प्रसाद यादव केंद्र में रेल मंत्री हुआ करते थे. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक दो होटलों के आवंटन में बड़े पैमाने पर गडबड़ी हुई. रेलवे ने जिस कंपनी को अपने दो होटल लीज पर दिये उसके मालिक ने पटना में एक बडा भूखंड रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम पर औने-पौने दाम पर रजिस्ट्री दिया. बाद में उसी जमीन को सरला गुप्ता ने लालू परिवार की कंपनी के नाम कौडियों के मोल रजिस्ट्री कर दी. इस केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, प्रेम गुप्ता, सरला गुप्ता समेत रेलवे अधिकारी पीके गोयल औऱ राकेश सक्सेना भी अभियुक्त बनाये गये हैं.