DESK : भारतीय क्रिकेट के सितारों में से एक महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 39वां जन्मदिन माना रहे हैं. रांची की गलियों से निकल कर क्रिकेट की दुनिया में कैप्टन कूल के नाम से अपनी पहचान बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने एक लंबा सफ़र तय किया है. इस सफ़र में कई ऐसे मोड़ आये जिसने उन्हें ये पहचान दिलाई है. आइये जानते हैं उन खास मौकों के बारे में: -
दिसंबर 2004 में इंटरनैशनल डेब्यू
धोनी ने सौरभ गांगुली की कप्तानी में अपने इंटरनैशनल करियर की शुरुआत की थी. उनका पहला मैच बांग्लादेश के खिलाफ चिट्टगांव हुआ था. लेकिन माही इस वनडे मैच में 0 रन बनाकर रन आउट हो गए थे.
श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183 रन
साल 2005 में श्रीलंका के खिलाफ जयपुर में खेले गए एक मैच में भारत299 रन के टारगेट का पीछा कर रहा था. इस मैच में धोनी ने 50 ओवर विकेटकीपिंग करने के बाद मैच के अंत तक बैटिंग की और 183 रन बनाये थे. धोनी का यह स्कोर आज भी उनका वनडे क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर है.
भारत का टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनना
पहली बार टी20 वर्ल्ड कप खेला जा रहा था और महेंद्र सिंह धोनी ने यहां इतिहास रच दिया था. भारत न सिर्फ इस पहले वर्ल्ड टी20 के फाइनल में पहुंचा बल्कि उसने अपने चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को हराकर इस खिताब पर कब्जा किया था.
भारत दूसरी बार विश्व चैंपियन बना
टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद साल 2011 में भारत को दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने का मौका भी धोनी के कप्तानी में ही मिला था. भारत ने श्रीलंका को हराकर दूसरी बार यह खिताब अपने नाम किया था. कपिल देव के बाद धोनी दूसरे भारतीय कप्तान हैं, जिन्होंने विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया है. इस खिताबी मुकाबले में भारत 275 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहा था. सचिन और सहवाग के आउट होने के बाद जब मैच में भारत की स्थिति ख़राब होने लगी थी तब धोनी ने ही इस मैच का मुख मोड़ा था. इस मैच में धोनी 5वें नंबर पर बैटिंग करने उतरे और गंभीर के साथ मैच विनिंग साझेदारी निभाई. इस मैच का वो विनिंग सिक्स कोई नहीं भूल सकता है. इस मुकाबले में धोनी ने नाबाद 91 रन बनाये थे
टेस्ट में दोहरा शतक
साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते हुए अपने टेस्ट करियर का एकमात्र दोहरा शतक जड़ा. धोनी ने यहां 224 रन बनाए और भारत ने यहां 8 विकेट से जीत दर्ज की.