DESK : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत ऐसे समय में कि जब राम मंदिर समारोह शुरू हो रहा था। राहुल गांधी का शायद इरादा ही था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से बीजेपी को होने वाले राजनीतिक फायदे को रोका जा सके। ऐसे में जाहिर है उनके टार्गेट पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थ। राहुल की इस यात्रा की शुरुआत तो मणिपुर में नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमलों से शुरू हुई पर असम तक आते-आते राहुल की यह न्याय यात्रा राहुल बनाम मोदी की जगह राहुल बनाम हिमंत बिस्वा सरमा होती जा रही है।
वहीं, राहुल बनाम मोदी की जगह राहुल बनाम हिमंत बिस्वा सरमा होने को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं जिसमें सबसे पहला यह है कि ऐसा कैसे हो गया ? क्या राहुल गांधी बीजेपी के राजनीतिक चाल में फंस गए या जानबूझकर राहुल असम के मुख्यमंत्री को टार्गेट कर रहे हैं। क्या ऐसा नहीं लगता है कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा असम में ही डिरेल हो गई है? ऐसे में जब राहुल की यात्रा आगे बंगाल-बिहार और यूपी में आएगी तो उनके लिए और मुश्किलें सामने आने वाली हैं ?
हिमंत सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री !
ऐसे में जब इन सवालों की तलाश की जाती है तो यह देखा जाता है कि 19 जनवरी को असम पहुंचते ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर बड़ा हमला बोल दिया। राहुल गांधी ने कहा कि हिमंत सरमा देश के सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं और बीजेपी के अन्य मुख्यमंत्रियों को भ्रष्टाचार करना सिखाते हैं। उन्होंने यह भी कि मुझे लगता है कि देश की सबसे भ्रष्ट सरकार असम में है। ऐसे में भ्रष्टाचार वाले बयान के कुछ घंटों बाद असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने उनके बयान पर ताबड़तोड़ पलटवार करके रुख को ही मोड़ दिया।
चुनाव के बाद गिरफ़्तारी !
अब हिमंत बिस्व सरमा ने एक और बड़ा दावा किया है उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हम अभी ऐसा करते हैं, तो इसका राजनीतिकरण किया जाएगा। सरमा ने शिवसागर जिले के नजीरा में एक कार्यक्रम से इतर कहा कि हमने एक प्राथमिकी दर्ज कर ली है। एक विशेष जांच दल तफ्तीश करेगा और उन्हें (राहुल को) लोकसभा चुनाव के बाद गिरफ्तार किया जाएगा।
मालूम हो कि, असम पुलिस ने कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान मंगलवार को यहां हिंसा भड़काने के आरोप में राहुल गांधी और पार्टी के अन्य कई नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गांधी को असम से लगाव नहीं है, बल्कि उन्होंने मीडिया का ध्यान खींचने के लिए वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान में प्रवेश करने के लिए हंगामा किया।
क्या हिमंत के चक्रव्यूह में फंस गए राहुल गांधी ?
गौरतलब हो कि, राहुल गांधी की यात्रा के असम पहुंचने से पहले ही जिस तरह के तेवर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दिखाए थे उससे साफ लगता है कि उन्होंने राहुल को ट्रैप करने की प्लानिंग कर रखी थी। हिमंत बार-बार यह कह रहे थे कि वो गुवाहाटी शहर में प्रवेश करेंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। उन्होंने यहां तक कहा था कि मामला अभी दर्ज होगा गिरफ्तारी चुनाव बाद होगी। सरमा ने कहा था कि राहुल गांधी की यह न्याय यात्रा नहीं मियां यात्रा है। जहां जहां मुसलमान हैं, वहीं पर उनकी यात्रा का रूट रखा गया है और आखिरकार हुआ वही।
उधर,राहुल समझ रहे हैं कि उनकी यात्रा को असम में चर्चा मिल गई और वो अपने इरादे में सफल हो गए। पर राहुल की यात्रा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ नहीं थी। उन्हें तो लोकसभा चुनाव के नरेंद्र मोदी को टार्गेट करना था। लेकिन, शाह और हिमंत की जोड़ी ने उन्हें असम में ही उलझा दिया। राहुल यह समझ नहीं पा रहे हैं कि हिमंत को टार्गेट करके वो अपनी यात्रा को डिरेल कर रहे हैं और उन्हें इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला है।