BPSC TRE 3: पेपर लीक कांड की जांच के लिए SIT का गठन, EOU के SP वैभव शर्मा को ADG नैयर हसनैन खान ने सौंपा जांच का जिम्मा

BPSC TRE 3: पेपर लीक कांड की जांच के लिए SIT का गठन, EOU के SP वैभव शर्मा को ADG नैयर हसनैन खान ने सौंपा जांच का जिम्मा

PATNA: BPSC TRE 3 शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के एडीजी नैयर हसनैन खान के आदेश पर EOU के SP वैभव शर्मा के नेतृत्व में 8 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इस जांच टीम में 01 ASP, 3 DSP और 3 इंस्पेक्टर शामिल हैं। 


अब  300 मोबाइल नंबर और 150 बैंक अकाउंट ईओयू के रडार पर आ गये हैं। आज भी पटना के कई इलाकों में छापेमारी की गयी। अब तक 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में यह क्लियर हो गया है कि बिहार में शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की बीपीएससी परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट हुआ था। 


गिरफ्तार 313 लोगों में सॉल्वर, सेटर और अभ्यर्थी शामिल हैं। अब इनसे पूछताछ की जाएगी। पूरे मामले की छानबीन जारी है। गिरफ्तार 313 लोगों को जेल भेजा गया है। जिसमें 266 लोगों को पटना के बेऊर जेल भेजा गया है वही 88 महिलाओं को न्यायिक हिरासत में रखा गया है। इस कांड में अब तक के सबसे बड़े सॉल्वर गैंग का खुलासा हुआ है।


उधर बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में बीपीएससी की भद पिट गई।  तीसरे चरण में परीक्षा से एक दिन पहले 14 मार्च को ही पेपर लीक हो गया। इस मामले में सॉल्वर गैंग की अब तक के सबसे बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के सहयोग से आर्थिक अपराध इकाई ने झारखंड के हजारीबाग से एक होटल में प्रैक्टिस कर रहे 313 परीक्षार्थियों को पहले हिरासत में लिया और पूछताछ में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के दौरान 10 सॉल्वर भी पकड़े गए। 15 मार्च को होने वाली परीक्षा का प्रश्न पत्र 14 मार्च को ही लीक हो गया था।  इन अभ्यर्थियों को बिहार से झारखंड ले जाकर प्रश्नों के उत्तर रटवाए जा रहे थे। योजना के अनुसार बसों में भरकर उन्हें परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाया जाना था लेकिन ईओयू ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।


आर्थिक अपराध इकाई की जांच में यह बात भी सामने आई है कि परीक्षार्थियों से 10-10 लाख में सॉल्वर गैंग ने डील फिक्स किया था। लाखों की राशि उनसे उतार ली गई थी उसके बाद पूछे जाने वाले प्रश्नों की तैयारी के लिए उन्हें हजारीबाग के कोहिनूर होटल में ले जाया गया था। सॉल्वर गैंग से प्राप्त कागजातों में लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। पेशी के दौरान अभ्यर्थियों ने इसकी पुष्टि भी की। जिन लोगों ने पैसे नहीं दिए थे उनके ओरिजिनल डॉक्युमेंट गैंग ने अपने पास सीज कर लिया था। उनसे ब्लैंक चेक भी लिए गए थे। एक अभ्यर्थी के संबंधी ने बताया कि उससे एक लाख नगद लिया गया था उसके बाद सवालों के उत्तर हटाने के लिए हजारीबाग भेजा था। बाकी भुगतान मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद होता।