BPSC से बहाल टीचरों को लेकर पाठक का नया फरमान, कहा ....स्कूल के 15 किमी के दायरे में रहें शिक्षक, नहीं तो चली जाएगी नौकरी

BPSC से बहाल टीचरों को लेकर पाठक का नया फरमान, कहा  ....स्कूल के 15 किमी के दायरे में रहें शिक्षक, नहीं तो चली जाएगी नौकरी

BUXAR : बिहार में जबसे शिक्षा विभाग की कमान के के पाठक ने संभाली है तबसे आए दिन वो कोई न कोई नया फरमान जारी करते रहते हैं। इसी कड़ी में अब पाठक ने लोक सेवा आयोग के तरफ से बहाल हुए नए टीचरों को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि- नए बहाल टीचरों की पोस्टिंग गांव में हुई है। अगर वे गांव में ही स्कूल के 15 किलोमीटर के दायरे में रह सकते हैं तो अच्छा है। वरना अगर ऐसा नहीं कर सकते हैं तो उनकी नौकरी जाएगी।


दरअसल, शिक्षा एसीएस केके पाठक ने  बक्सर जिले के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने डुमरांव के जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (डायट) का निरीक्षण किया। वहां प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों से उन्होंने मुलाकात की। पाठक ने उनसे कहा कि गांव में शिक्षा के विकास लिए शिक्षकों की पोस्टिंग की गई है। वे अपने स्कूल से 15 किलोमीटर के दायरे में रह सकते हैं। जो गांव में नहीं रहना चाहते वे जा सकते हैं, विकल्प खुला हुआ है। सभी से उन्होंने प्रशिक्षण लेने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही है, इसकी जानकारी ली। इस दौरान सभी शिक्षकों ने उनसे खुलकर बात की। 


वहीं, शिक्षकों से केके पाठक ने कहा कि आप लोग अच्छे से ट्रेनिंग कीजिए, टेक्नोलॉजी को हम लोग बढ़ाएंगे। आने वाले पांच साल में देखिएगा शिक्षा लेने का और देने का माहौल बदल जाएगा। सब कुछ कंप्यूटर से होगा। स्कूलों में अकाउंट का काम भी आप लोग करेंगे, जो प्रधानाध्यापक हैं उन्हें भी आप लोग मदद कर सकेंगे। 


इसके साथ ही केके पाठक ने कहा कि जब तक सरकार आप लोगों के रहने की व्यवस्था नहीं करती है तब तक आप लोग अपने स्कूल के 15 किलोमीटर के दायरे में रूम ले लीजिए। हर दिन 50 किलोमीटर से आना जाना संभव नहीं होगा और यह हम मान्य नहीं करेंगे। पाठक ने सुझाव देते हुए कहा कि  दो-तीन लोग मिलकर भी आप लोग रूम ले सकते हैं। 


उन्होंने कहा कि एक पंचायत मुख्यालय में दो-तीन या चार स्कूल भी होते हैं, किसी पंचायत मुख्यालय में आप लोग तीन- चार लोग एक साथ रह सकते हैं।गांव में रहना अच्छा होता है। गांव में रहेंगे तो पढ़ाई का माहौल बनेगा। इसके बाद अंत में फरमान भी दिया कि आप लोग में से किसी को अगर गांव में रहना पसंद नहीं है तो आप लोग जा सकते हैं।  


दूर से आइएगा तो आप लोग समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाएंगे और इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। 9 बजे की जगह आप 10 बजे स्कूल पहुंचेंगे। धीरे-धीरे यह आदत बन जाएगी।  तीन-चार महीने में आप फिर 10 बजे के बजाय 11 पहुंचने लगेंगे। लौटने के लिए 4 बजे के बजाय 3  बजे ही निकल जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले शिक्षा की यह स्थिति चल रही थी लेकिन अब हमने इसे खत्म कर दिया है।