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09-May-2022 07:04 AM
PATNA : BPSC पेपर लीक मामले की जांच अब राज्य की आर्थिक अपराध इकाई करेगी। संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द किए जाने के बाद अब पेपर लीक मामले की जांच का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई को दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर राज्य के डीजीपी एसके सिंघल ने एडीजी ईओयू की अध्यक्षता में जांच टीम गठित की है। एडीजी ईओयु नैयर हसनैन खां की अध्यक्षता वाली यह जांच टीम जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगी और पेपर लीक में शामिल खिलाड़ियों को बेनकाब करेगी। इस टीम में साइबर फॉरेंसिक के एक्सपोर्ट भी शामिल किए गए हैं, साथ ही साथ कुछ अन्य विशेषज्ञों को भी इसमें रखा गया है।
पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को रद्द कर दिया था। पेपर वायरल होने की जांच के लिए बनी आयोग की कमेटी की रिपोर्ट के बाद अध्यक्ष आरके महाजन ने परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया। पेपर कहां से लीक हुआ, किसने वायरल किया, इसकी जांच के लिए आयोग की सिफारिश पर डीजीपी ने टीम गठित कर दी है। आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने यह जानकारी दी है। उनके मुताबिक जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद आयोग के अध्यक्ष ने परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है। प्रश्नपत्र वायरल होने की जांच साइबर सेल से कराने के लिए डीजीपी से अनुरोध किया गया जिसके बाद उन्होंने जांच टीम गठित कर दी है।
हालांकि सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीपीएससी पेपर लेकर कांड को लेकर खासे नाराज हैं। सरकार की हो रही फजीहत को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस पर कड़ा रुख अख्तियार किया है और मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही आनन-फानन में पहले बीपीएससी की कमेटी ने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया और उसके बाद तत्काल जांच के लिए अनुशंसा की। आपको बता दें कि बीपीएससी 67वीं प्रारंभिक परीक्षा रविवार को 12 बजे से शुरू होनी थी। इससे पहले ही पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। परीक्षा के बाद परीक्षार्थियों ने भी दावा किया कि वायरल पेपर के सवाल परीक्षा में पूछे गए पेपर से मिल गए हैं। सोशल मीडिया पर पेपर वायरल होने के बाद बीपीएससी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई।