1st Bihar Published by: Updated Thu, 28 Jul 2022 11:49:58 AM IST
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PATNA : बीपीएससी पेपर लीक कांड की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की टीम लगातार जांच में जुटी हुई है। जांच के दौरान बीपीएससी की परीक्षा पास कर अधिकारी बने करीब एक दर्जन से अधिक लोगों की नौकरी संदेह के घेरे में आ गई है। अगल-अलग विभागों में तैनात ऐसे एक दर्जन से अधिक अधिकारी आर्थिक अपराध इकाई की रडार पर हैं। इन सभी लोगों का कनेक्शन बीपीएससी पेपर लीक कांड से जुड़ रहा है। जांच के दायरे में आए ये सभी लोग पुलिस और प्रशासनिक महकमे के साथ अन्य विभाग में बड़े पद पर तैनात हैं।
दरअसल, बीपीएससी पेपर लीक कांड में गिरफ्तार किए गए डीएसपी रंजीत कुमार रजक के साथ ही संदेह के घेरे में आए दर्जनों लोगों ने बीपीएससी की परीक्षा पास की थी और नौकरी में आए थे। आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इन लोगों से पूछताछ भी शुरू कर दी है। ये सभी संदिग्ध बीपीएससी की 56वीं से 59वीं और 63वीं परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से कुछ लोगों से आर्थिक अपराध इकाई की टीम पूछताछ कर चुकी है जबकि अन्य से बारी बारी से पूछताछ की जा रही है।
EOU ने शक के दायरे में आए अधिकारियों की मेंस परीक्षा की कॉपियों को बीपीएससी से मांगा है। कॉपियों के आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम इनकी जांच करेंगी। इस सभी लोगों के रिटेन परीक्षा में काफी अच्छे नंबर थे लेकन इंटरव्यू में काफी कम नंबर मिले थे। EOU को यह भी संदेह है कि कॉपियों को अलग से निकालकर लिखा गया है। EOU इस बात की भी जांच कर रही है कि कॉपिया बाहर कैसे निकली थीं। ऐसे में BPSC के कई स्टाफ भी जांच के दायरे में आ चुके हैं। इन लोगों से भी आर्थिक अपराध इकाई की टीम जल्द ही पूछताछ तरने वाली है।
बता दें कि बीपीएससी पेपर लीक कांड में आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने गया से सत्ताधारी दल के जेडीयू नेता और रामशरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल शक्ति कुमार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार शक्ति कुमार ने पूछताछ के दौरान डीएसपी रंजीत कुमार रजक का नाम लिया था। जिसके बाद जांच टीम ने डीएसपी रंजीत रजक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।