बॉर्डर पर पीछे हुई नेपाल पुलिस, भारतीय इलाकों वाले नक्शे पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

बॉर्डर पर पीछे हुई नेपाल पुलिस, भारतीय इलाकों वाले नक्शे पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

PATNA : भारत-नेपाल बॉर्डर पर पिछले दिनों हुए हिंसक झड़प के बाद बिहार के सीतामढ़ी इलाके में बॉर्डर पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के कड़े रुख को देखते हुए नेपाल पुलिस पीछे हट गई है। नेपाल सशस्त्र बल ने अपने ढाई सौ से ज्यादा अस्थायी कैंप को तकरीबन आधा किलोमीटर पीछे कर लिया है। बिहार में नेपाल से तकरीबन 631 किलोमीटर बॉर्डर एरिया पड़ता है जहां लगातार सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी में सख्ती बढ़ा रखी है। नेपाल से किसी को आने जाने की मनाही है आपको याद दिला दें कि सीतामढ़ी के लालबंदी बॉर्डर पर पिछले दिनों हिंसक झड़प में नेपाली पुलिस ने एक भारतीय नागरिक को गोली मार दी थी। साथ ही साथ एक अन्य भारतीयों को नेपाली पुलिस अपने साथ ले गई थी जिसे बाद में छोड़ दिया गया था। 


बिहार से नेपाल को लगने वाली सीमा में जोगबनी और रक्सौल बॉर्डर को छोड़कर बाकी अन्य इलाकों में नेपाल से भारत जाने आने वालों पर रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं नेपाल सशस्त्र बल ने अपने अस्थाई कैंप को एकीकृत किया है। अब एक कैंप में तकरीबन तीन से चार कैंप के जवानों को रखा जा रहा है। पहले एक कैंप के अंदर दो से तीन जवान हुआ करते थे लेकिन अब इनकी संख्या 10 से 12 कर दी गई है।


बॉर्डर पर एक तरफ नेपाल पुलिस पीछे हटी है तो वही भारत के 3 इलाकों को अपना बताने वाले नेपाली संसद के प्रस्ताव पर वहां के राष्ट्रपति ने मुहर लगा दी है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने संसद से पास किए गए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। आपको बता दें कि नेपाल में भारत के कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए एक नए नक्शे को मंजूरी दी है।