PATNA : विधानसभा के अंदर पंचायती राज विभाग के कटौती प्रस्ताव पर बहस के दौरान एक बार फिर हंगामा हो गया. सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक कुमार शैलेन्द्र ने कह दिया कि अल्पसंख्यक राष्ट्र विरोधी होते हैं. राष्ट्र विरोधी ताकतों पर बोलो तो सबको दर्द होने लगता है. जिस पर AIMIM विधायक अख्तरल ईमान ने कहा कि इस बयान पर बीजेपी विधायक माफ़ी मांगे. जिस पर बीजेपी विधायक ने कहा कि वह इस तरह की कोई बात नहीं बोले हैं. जो वंदेमातरम् नहीं बोलते उन पर बोला है.
विधानसभा मे चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक ने कहा कि अल्पसंख्यक राष्ट्र विरोधी हैं. जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जताते हुए वेल में पहुंच हंगामा करने लगे. बीजेपी विधायक जय श्री राम का नारा लगाने लगे. हंगामा बढ़ते देख अध्यक्ष आसन पर पहुंचे. विधानसभा अध्यक्ष सदस्यों के हंगामा पर नियमावली का हवाला देने लगे. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी की टोपी और पगड़ी कैसे उतववरा दिया जाये... भाई वीरेंद्र ने टोपी पहना हैं उसे निकलवा दिया जाए. किसी की टोपी-पगड़ी पर आपत्ति कीजिये ये उचित नहीं है.
दरअसल, पंचायती राज विभाग में कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राजद विधायक ललित यादव ने कहा कि मेरा एक कार्यकर्त्ता इतना चक्कर लगाया कि उसकी मृत्यु हो गई लेकिन उस का काम नहीं हुआ. इसपर बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने टोका और कहा कि सरकारी कर्मी किसी का कार्यकर्ता नहीं हो सकता है. इस पर ललित यादव ने कहा कि आप मुझे नहीं समझये आपसे जायदा सीनियर हम हैं.पंचायती राज पर बोलते हुए बीजेपी विधायक ने कहा कि हमारी सरकार ने सबको बिजली पानी सड़क दिया है. तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग राजा की कहानी सुनाते हैं. जब इसी राजा के साथ थे तब अच्छा था ये राजा. इनके राज में पंचायतों में गड्ढा होता था. जिस वोट से चुनाव जीतते हैं उनकी नाली नहीं बनाते हैं ये लोग.
विधानसभा के अंदर तीसरे अनुपूरक बजट के कटौती प्रस्ताव के चर्चा के बीच विपक्ष सदन के अंदर लगातार हंगामा कर रहा है. विपक्ष की मांग है. बीजेपी विधायक में अल्पसंख्यकों को लेकर जो बातें कहीं और उसके ऊपर वह माफी मांगे और उसे सदन की कार्यवाही से निकाला जाए. विधानसभा अध्यक्ष बार-बार सभी सदस्यों को अपने आसपास जाने की चेतावनी दे रहे हैं लेकिन विपक्ष के सदस्य मानने के लिए तैयार नहीं है. माले के विधायक महबूब आलम इस बात पर अड़े हुए हैं कि जब तक है बीजेपी के तरफ से माफी नहीं मांगा जाएगा तब तक वह अपनी सीट पर नहीं जाएंगे.
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती किसी समुदाय विशेष के बारे में कोई टिप्पणी की जाए या उचित नहीं हो सकती. अगर कुछ आमतौर पर ऐसी बातें कही जाती तो शब्द का दो अर्थ निकलता है. आसन का अधिकार है अगर ऐसी कोई बात सदन में कह दिया है तो उसे निकाल दिया जाए. किसी भी माननीय सदस्य को किसी भी समुदाय विशेष के बारे में कुछ नहीं कहना चाहिए. विजय सिन्हा ने कहा कि सभी सदस्य का विचार है कि सदन चले सभी का विचार आया है जो असंसदीय शब्द है उसे निकाल दिया जाए इन सभी मामले को मैं अपने कक्ष में देख लूंगा.