बीजेपी विधायक ने कहा.. यूपी में मुकेश सहनी ने सारी मर्यादाएं तोड़ दी है, अमित शाह जल्द करेंगे फैसला

बीजेपी विधायक ने कहा.. यूपी में मुकेश सहनी ने सारी मर्यादाएं तोड़ दी है, अमित शाह जल्द करेंगे फैसला

PATNA : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक और नेता आगे बढ़कर बयान दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने का संकल्प लेकर चुनाव मैदान में उतरे वीआईपी अध्यक्ष और मंत्री मुकेश सहनी को जीत तो हासिल नहीं हुई लेकिन बिहार में अब उनके मंत्री पद की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है. 


बिस्फी से बीजेपी के विधायक हरी भूषण ठाकुर बचौल ने मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाए जाने की मांग कर दी है। उन्होंने आज बिहार विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए कि एक सहयोगी दल के रूप उन्होंने यूपी में जैसे मर्यादा को उन्होंने लांघा है. वो रिजेक्टेड थे, एमपी का चुनाव हार गये, एमएलए का चुनाव हार गये. तब भी बीजेपी ने उन्हें मंत्री बनाया. हमारे पार्टी में बहुत सहनी हैं, अब मुकेश सहनी को खुद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.


उनके छोड़ने से सरकार नहीं गिर जाएगी. हमारी पार्टी और अमित शाह जल्द ही सहनी पर कोई बड़ा फैसला लेंगे. अगर वो लालू के विचारधारा के हैं तो क्यों पीठ में छुरा घोंपने की बात कह कर एनडीए में आ गये थे. उनके जाने से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बचौल ने कहा कि उनके दुबारा विधान पार्षद बनने के कम चांस हैं. बीजेपी विधायक ने कहा है कि मुकेश साहनी हवा में चले गए हैं और अब आगे वह बिहार में मंत्री भी नहीं रहेंगे. बचौल ने कहा है कि मुकेश सहनी को मंत्री नहीं रहने देना चाहिए. उन्होंने कहा है कि हम उनकी पार्टी में अब तोड़फोड़ मचाएंगे. हमलोग पुरजोर विरोध करेंगे. बीजेपी नेतृत्व से मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाने की मांग करेंगे.


बता दें कि मुकेश सहनी ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपना सियासी भविष्य दांव पर लगा दिया था. हाल तो ये था कि वे उत्तर प्रदेश में घूम घूम कर लोगों से ये अपील कर रहे थे कि बीजेपी को हर हाल में हरायें. लेकिन गुरूवार को चुनाव परिणाम आने के बाद मुकेश सहनी और उनकी पार्टी दोनों सदमे में पड़ी दिख रही है. बिहार के पड़ोसी राज्य में मुकेश सहनी के सारे दांव और दावे सुपर फ्लॉप साबित हुए. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वीआईपी पार्टी जिन 53 सीटों पर चुनाव लड़ी उसमें से 19 सीट पर उसके उम्मीदवार को एक हजार वोट भी नहीं मिला.