PATNA : विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले ही स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को भर दम जलील किया हो लेकिन बीजेपी को इससे कोई खास फर्क पड़ता नहीं दिखा है. 3 दिन से चल रहे सियासी घटनाक्रम के बाद बीजेपी आखिरकार नीतीश कुमार के सामने सरेंडर बोल गई है. 14 मार्च को सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के ऊपर जमकर भड़ास निकाली थी. उन्होंने स्पीकर के सम्मान का भी ख्याल नहीं किया और गुस्से से भड़के हुए अंदाज में जमकर खरी-खोटी सुनाई थी. इसके बाद 15 मार्च यानी मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष सदन की कार्यवाही में मौजूद नहीं रहे.
मंगलवार की शाम जब सदन की कार्यवाही खत्म हुई तो उसके बाद विजय सिन्हा को मनाने की कोशिश से शुरू हो गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के बीच कैसे सुलह कराई जाए इसके लिए बीजेपी की तरफ से डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और जेडीयू की तरफ से विजय कुमार चौधरी ने कमान संभाली. विजेंद्र यादव जैसे जेडीयू नेता को भी इस काम के लिए लगाया गया.
आखिरकार बीजेपी नीतीश कुमार के सामने घुटने टेक गई और बीजेपी के प्रदेश स्तर के नेतृत्व में विजय सिन्हा को इस बात के लिए तैयार कर लिया कि मामले को रफा-दफा किया जाए. आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विजय सिन्हा सदन में मौजूद थे. स्पीकर विजय कुमार सिन्हा का साथ खुद उनकी ही पार्टी में सदन के अंदर और बाहर नहीं दिया लेकिन ने आरजेडी आज स्पीकर के लिए खुलकर सदन में उतर गई.
आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सरकार की तरफ से आसन के सम्मान को लेकर सफाई पेश की लेकिन विपक्ष हंगामा करता रहा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी अपनी बात रखी. स्पीकर विजय कुमार सिन्हा एक लिखा हुआ संबोधन लेकर सदन में पहुंचे थे. उन्होंने हालिया प्रकरण की चर्चा करते हुए कहा कि लोकतंत्र किसी एक घटना से कमजोर नहीं हो सकता. विधायिका को कमजोर करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा.
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर उनके तेवर आज भी नरम नजर आए. उन्होंने मुख्यमंत्री की तरफ से पूरे घटनाक्रम पर बात रखने की जानकारी दी. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उनकी बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हो चुकी है. मुख्यमंत्री को भी गलतफहमी हुई थी जिसकी वजह से सदन में सब कुछ हुआ. विजय कुमार ने जो कुछ कहा उसे सुनकर समझा जा सकता था कि कैसे बीजेपी ने उन्हें नीतीश के सामने खुला छोड़ दिया. भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार के सामने इतनी कमजोर हो गई कि स्पीकर जैसे पद पर बैठे अपनी ही पार्टी के नेता का ना तो वह बचाव कर पाई और ना ही जेडीयू के सामने सख्त ऐतराज जता पायी.
विजय कुमार सिन्हा के पास कहने के लिए आज सदन में बहुत कुछ नहीं था. इसके बावजूद उन्होंने तकरीबन 5 से 7 मिनट तक अपनी बात रखी. उन्होंने इतना जरूर कहा कि होली के बाद 25 मार्च को विशेषाधिकार समिति की बैठक होगी. उनके साथ दुर्व्यवहार का मामला फिलहाल सदन की विशेषाधिकार समिति देख रही है. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधायकों को भरोसा दिलाते हैं कि विधायिका कभी भी कमजोर नहीं होगी लेकिन आरजेडी विधायकों के गले के नीचे स्पीकर की बात नहीं उतर रही थी.
इसके बाद विधानसभा में डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद ने भी पक्ष रखा लेकिन नीतीश कुमार के रवैया को लेकर जुबान खोलने की हिम्मत किसी में नहीं हुई. उधर, आरजेडी के विधायक सदन में लगातार अपनी जगह पर खड़े रहे वह हंगामा करते रहे और मुख्यमंत्री से खेद जताने की मांग भी करते रहे. आखिरकार विधानसभा की कार्यवाही को हंगामे के कारण दोपहर 2:00 बजे तक स्थगित करना पड़ गया.