बिहार में BJP का चुनावी मैनेजमेंट, 72 करोड़ खर्च कर 74 सीटों पर जीत हासिल की

बिहार में BJP का चुनावी मैनेजमेंट, 72 करोड़ खर्च कर 74 सीटों पर जीत हासिल की

PATNA : बिहार में विधानसभा चुनाव खत्म हुए लगभग 6 महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है और अब चुनाव में राजनीतिक दलों की तरफ से किए गए खर्च का ब्यौरा भी सामने आ रहा है। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बिहार में पहले की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया। बीजेपी ने 74 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की लेकिन चुनावी मैनेजमेंट के लिए बीजेपी ने बिहार में 72 करोड़ खर्च कर डाले। आयोग को दिए गए अपने खर्च के ब्योरे में बीजेपी ने बताया है कि उसने विधानसभा चुनाव में 71.73 करोड रुपए खर्च किए। 


बीजेपी ने चुनाव आयोग को बताया है कि उसने सबसे ज्यादा खर्चे अपने स्टार प्रचारकों के चैनल पर किया है। जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ जैसे स्टार प्रचारकों के प्लेन पर तकरीबन 24 करोड़ से अधिक का खर्च आया है। औसत आंकड़ों की बात करें कि अब तो भारतीय जनता पार्टी ने एक विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने में लगभग 96 लाख रुपये खर्च किए हैं। इतना ही नहीं बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए 16 करोड़ से ज्यादा की राशि दे डाली है। लगभग सभी उम्मीदवारों को बीजेपी ने 15-15 लाख रुपए चुनाव लड़ने के लिए दिए। बीजेपी ने जो डिटेल चुनाव आयोग को दी है उसके मुताबिक विधानसभा चुनाव की शुरुआत के वक्त केंद्रीय और बिहार इकाई के पास तकरीबन 2367 रुपए का बैलेंस था जो चुनाव खत्म होने के बाद घटकर 2279 करोड़ों पर के आस पास आ गया इस दौरान पार्टी के पास नकदी बढ़ गई और वह 2 करोड़ 79 लाख से बढ़कर 5 करोड़ 78 लाख हो गया। 


भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में मीडिया मैनेजमेंट के लिए भी अच्छी खासी मोटी रकम खर्च की। बीजेपी की तरफ से गूगल इंडिया को 1.59 करोड़ रुपए दिए गए। बिहार विधानसभा चुनाव वर्चुअल मोड में शुरू हुआ था लिहाजा सोशल और डिजिटल मीडिया पर इसके लिए बड़ी राशि खर्च की गई। बीजेपी की बिहार इकाई ने मीडिया के अलग-अलग माध्यमों में विज्ञापन के ऊपर 16 करोड़ की राशि खर्च की। बड़े नेताओं के अलावा अन्य नेताओं के ट्रेन और बाकी गाड़ियों पर 45 लाख से ज्यादा की राशि खर्च की गई। आपको बता दें कि बिहार जैसे राज्य में चुनाव के दौरान एक उम्मीदवार अधिकतम लगभग 30 लाख तक की राशि खर्च कर सकता है हालांकि किसी राजनीतिक दल के द्वारा खर्च की जाने वाली राशि की कोई सीमा तय नहीं है।