PATNA : लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने भी बिहार में अपने सभी 17 सीटों पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। इस नाम के ऐलान के बाद एक बार फिर यह साफ हो गया है कि भाजपा ने अपने कोर वोट बैंक को साधने की पुरजोर कोशिश की है। भाजपा ने इस बार भी 58 फ़ीसदी उम्मीदवार श्रवण समुदाय से उतारे हैं। भाजपा की तरफ से जारी लिस्ट में 10 उम्मीदवार सवर्ण कोटे के हैं बाकी के 7 कैंडिडेट अन्य जाति वर्ग से आते हैं।
दरअसल, लोकसभा चुनाव को लेकर बीते शाम भाजपा ने अपनी 5 में लिस्ट जारी की इस लिस्ट में बिहार के भी 17 सीटों पर कैंडिडेट का नाम तय किया गया। लेकिन इस लिस्ट में देखने वाली बात यह थी कि भाजपा ने जिन 17 उम्मीदवारों को अपना सिंबल दिया था उनमें से 10 सवर्ण कोट के हैं। जिसमें से सबसे अधिक पांच कैंडिडेट राजपूत समाज के है।
भाजपा ने राजपूत समाज से पूर्वी चंपारण से राधा मोहन सिंह, महाराजगंज से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, आरा से आरके सिंह, सारण से राजीव प्रताप रूढ़ी और औरंगाबाद से सुशील कुमार सिंह को टिकट दिया है। वहीं, पिछली बार भूमिहार कोट से एकमात्र गिरिराज सिंह ही उम्मीदवार थे। लेकिन, इस बार इसी समाज से एक और कैंडीडेट को मैदान में उतारा गया है। भाजपा ने इस बार अपने कोट में आए नवादा सीट से विवेक ठाकुर को कैंडिडेट बनाया गया है।
ब्राह्मण कोटे से पिछली बार भी दो ही उम्मीदवार थे। इस बार बक्सर से अश्वनी कुमार चौबे के बदले मिथिलेश तिवारी टू दरभंगा से गोपाल जी ठाकुर को मैदान में उतर गया। जबकि पिछले चुनाव की तरह इकलौते कायस्थ उम्मीदवार पटना साहिब से रविशंकर प्रसाद हैं। इस बार भी इस समाज से इन्हें ही टिकट दिया गया है।
उधर, हम बात करें सवर्ण के बदले अन्य समाज की तो पार्टी ने चार पिछड़ा दो अति पिछड़ा और एक दलित कोटे से उम्मीदवार बनाया है। पश्चिमी चंपारण से डॉक्टर संजय जयसवाल मधुबनी से अशोक कुमार यादव उजियारपुर से नित्यानंद राय और पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। मतलब राजद के वोट बैंक में सेंड लगाने के लिए चार अक्षरों में से अब की भी तीन यादव को पार्टी ने लोकसभा के रण में उतारा है।