DESK : बिहार के पूर्वी चंपारण से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह को उत्तर प्रदेश बीजेपी के संगठन प्रभारी पद से हटाया जा सकता है. पार्टी सूत्रों से ऐसी ही खबर मिल रही है. उत्तर प्रदेश में अगल चुनाव विधानसभा चुनाव होने हैं औऱ कुछ दिन पहले हुए पंचायत चुनाव परिणाम ने पार्टी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. लिहाजा पार्टी में सांगठनिक फेरबदल की तैयारी की खबर मिल रही है. वहीं मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा भी जोरो पर है.
उत्तर प्रदेश में फेरबदल तय
दरअसल इसी महीने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के नतीजे आये हैं. इसमें समाजवादी पार्टी ने बीजेपी को पछाड दिया है. पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा था. लिहाजा इसके नतीजों ने पार्टी नेतृत्व को सकते में डाल दिया है. अगले साल की शुरूआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी के सूत्र बता रहे हैं कि यूपी बीजेपी के प्रभारी के पद से राधामोहन सिंह की छुट्टी लगभग तय मानी जा रही है. राधामोहन सिंह को पिछले साल नवंबर में उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था. तब से पार्टी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है.
हालांकि पार्टी नेताओं का एक गुट अभी भी राधामोहन सिंह को हटाने का पक्षधर नहीं है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के एक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और कद्दावर माने जाने वाले नेता राधामोहन सिंह के पक्ष में मुहिम चला रहे हैं. राधामोहन सिंह को बचाने में लगे नेताओं का कहना है कि पंचायत चुनाव औऱ विधानसभा चुनाव अलग होता है. एक की तुलना दूसरे से नहीं की जा सकती. ऐसे में पार्टी को पंचायत चुनाव के नतीजों पर ज्यादा चिंता करने के बजाय विधानसभा चुनाव की तैयारी पर जोर देना चाहिये. लेकिन उनकी बातों से मोदी-शाह की जोड़ी संतुष्ट नहीं है. उत्तर प्रदेश को लेकर पार्टी में मंथन का दौर जारी है और अगले एक महीने में बदलाव तय माना जा रहा है. चर्चा ये भी है कि बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव को उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है.
उधर उत्तराखंड में भी अगले साल चुनाव होना है. वहां पार्टी ने सीएम बदल दिया है लेकिन संगठन के स्तर पर भी बदलाव हो सकता है. बीजेपी के सूत्र बता रहे हैं कि हाल में हुए चुनावों की समीक्षा और आने वाले चुनावों की तैयारी को देखते हुए भाजपा संगठन में औऱ भी बदलाव किए जा सकते हैं. पार्टी की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का भी गठन किया जा सकता है.
दरअसल बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल संभालने के बाद अब तक पार्टी की कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है. हालांकि, पिछले साल राष्ट्रीय पदाधिकारियों की घोषणा की गयी थी. लेकिन पार्टी की कई समितियां अभी पुराने प्रारूप में ही काम कर रही हैं. बीजेपी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड, केंद्रीय चुनाव समिति समेत कई अन्य समितियों का पुनर्गठन भी जल्द किये जाने की संभावना है. पार्टी के अंदर इस बात की चर्चा जोरों पर है.
बंगाल के नतीजों से मिली सबक
दरअसल बंगाल के चुनाव परिणाम से बीजेपी को करारा झटका लगा है. पार्टी ने वहां बहुत उम्मीद पाल रखा था लिहाजा पूरी साख दांव पर लगा कर बंगाल में सब झोंक दिया गया था. पार्टी मंथन कर रही है कि वहां गलती किस स्तर पर हुई. उसके मुताबिक ही उत्तर प्रदेश औऱ उत्तराखंड को लेकर तैयारी की जायेगी.
कोरोना का कहर टलते ही केंद्र में मंत्रिमंडल का विस्तार
उधर केंद्र में मोदी सरकार के बने दो साल पूरे होने वाले हैं लेकिन अब तक एक भी फेरबदल या विस्तार नहीं हुआ है. इस बीच कुछ मंत्री मंत्रिमंडल से हटे हैं. मंत्री रामविलास पासवान का निधन हो गया तो अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल इस्तीफा दे चुकी हैं. ऐसे में एक-एक मंत्री के पास कई मंत्रालय हैं. वहीं कई ऐसे राज्य हैं जहां के नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्रिमंडल में नहीं मिला है. ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार होना तय है. हालांकि कोरोना की दूसरी लहर के शांत होने का इंतजार किया जा रहा है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो कुछ केंद्रीय मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है.