BJP को हर रोज लताड़ रहे मांझी: गया में बडे पैमाने पर धर्मांतरण का किया समर्थन, कहा-धर्म बदलने की छूट, इसका विरोध गलत

BJP को हर रोज लताड़ रहे मांझी: गया में बडे पैमाने पर धर्मांतरण का किया समर्थन, कहा-धर्म बदलने की छूट, इसका विरोध गलत

PATNA: बिहार की सत्ता में बीजेपी के साझीदार जीतन राम मांझी हर रोज बीजेपी का विरोध कर रहे हैं। जीतन राम मांझी ने अब गया में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का समर्थन कर दिया है। मांझी ने कहा कि किसी को भी धर्म बदलने की छूट है। जो इसका विरोध कर रहे हैं वे गलत हैं। गौरतलब है कि बीजेपी समेत आरएसएस और उसके सहयोगी संगठन धर्मांतरण का विरोध कर रहे हैं।


क्या बोले मांझी

जीतन राम मांझी ने कहा कि धर्म परिवर्तन देशद्रोह नहीं है. इससे देश को कोई खतरा नहीं है. हर आदमी को अपने मुताबिक धर्म चुनने का अधिकार है. इसलिए कोई धर्म परिवर्तन कर रहा है तो इसका विरोध करना गलत है. मांझी ने कहा कि धर्मांतरण का विरोध करने के बजाय ये सोंचना चाहिये कि लोग धर्म क्यों बदल रहे हैं. वे जिस धर्म में थे वहां उन्हें इज्जत प्रतिष्ठा औऱ मान-मर्यादा नहीं मिल रहा है तभी वे दूसरे धर्म में जा रहे हैं. जीतन राम मांझी ने कहा कि आजादी के 74 साल बाद भी हिन्दू धर्म में छूआ-छूत, ऊंच-नीच जैसे मामले हैं. ऐसे में धर्म परिवर्तन होना स्वाभाविक है.


बीजेपी को मांझी ने दिया जवाब

गौरतलब है कि गया में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण की खबरें आ रही हैं. गया शहर के कई इलाकों के साथ साथ डोभी प्रखंड में बड़े पैमाने पर लोगों के धर्म बदल कर ईसाई धर्म अपनाने की खबर आयी है. ऐसी भी खबरें आयी हैं कि लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तित कराया जा रहा है. बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का बीजेपी के स्थानीय नेताओँ के साथ साथ आरएसएस औऱ उसके सहयोगी संगठन विरोध कर रहे हैं. उन्होंने इसके खिलाफ मुहिम भी चलायी है.


दिलचस्प बात ये भी है कि धर्म बदलने वाले ज्यादातर लोग मांझी यानि मुशहर तबके के लोग हैं. इनमें अशिक्षा से लेकर गरीबी सबसे ज्यादा है. खुद जीतन राम मांझी इसी तबके से आते हैं. अब मांझी ने अपनी जाति के लोगों के धर्म परिवर्तन का समर्थन कर दिया है. 


जानकार बताते हैं कि मांझी बीजेपी को जवाब दे रहे हैं. पिछले दो महीने से लगातार वे बीजेपी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं. इससे पहले नाबालिग दलित लडकियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराने औऱ निकाह कराने के भी मामले सामने आये थे. बीजेपी ने उसका विरोध किया लेकिन मांझी ने बीजेपी के खिलाफ खूब बयान दिये. पूर्णिया में दलितों की बस्ती पर जब हमला हुआ तो बीजेपी ने जांच दल भेजकर कहा कि मुसलमानों ने हमला किया. लेकिन मांझी ने बीजेपी के विरोध को दलित-मुसलमान दोस्ती तोड़ने की साजिश करार दिया. 


कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर भी मांझी ने एतराज जताया था. उन्होंने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री कोरोना वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर अपनी तस्वीर लगवा रहे हैं तो कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी प्रधानमंत्री की तस्वीर होनी चाहिये.


सियासी हलके में चर्चा है कि जीतन राम मांझी नीतीश कुमार की शह पर बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठे हैं. मांझी की पार्टी ने कई दफे बीजेपी पर नीतीश सरकार को अपदस्थ करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है. हालांकि मांझी यही कहते रहे हैं कि वे नीतीश कुमार के कहने पर नहीं बल्कि अपनी मर्जी से बोल रहे हैं. उन्हें जो सही लगता है वही वे बोलते हैं.