PATNA : बिहार में निकाय चुनाव रद्द होने के बाद से अति पिछड़ों के आरक्षण को लेकर सत्ताधारी दल जेडीयू और विपक्ष में बैठी बीजेपी के बीच जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रहा है। आरक्षण को लेकर दोनों दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार में अतिपिछड़ों को तभी आरक्षण मिला, जब सरकार में बीजेपी शामिल रही।
उन्होंने कहा है कि जब कर्पूरी ठाकुर ने आरक्षण दिया था, तब जनसंघ सरकार में शामिल थी। नीतीश सरकार भी तभी स्थानीय निकाय में अतिपिछड़ों को आरक्षण दे पायी, जब भाजपा का समर्थन मिला था। मुख्यमंत्री या उनकी पार्टी अकेले श्रेय लेने का दावा नहीं करे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब-जब राजद के साथ गए, तब-तब अतिपिछड़ा को सम्मान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने एक साल पहले ही विशेष आयोग का गठन कर दिया होता, तो आज सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए आरक्षण देकर समय पर निकाय चुनाव कराये जा सकते थे।
सुशील मोदी ने कहा है कि गुजरात के गांधी नगर में भी निकाय चुनाव पर रोक लग जाती यदि वहां कोई आरक्षण के मुद्दे पर कोर्ट की शरण में चला गया होता। बिहार की तरह महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में भी पहले से आरक्षण मिला हुआ है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में जब विशेष आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार आरक्षण देने का निर्देश दे दिया, तब इससे पहले की बातें कोई मायने नहीं रखती हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले दिनों पंचायत चुनाव हुए, लेकिन उस समय यदि कोई सुप्रीम कोर्ट चला जाता तो पंचायत चुनाव भी रुक जाते। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की जिद और गलती के कारण निकाय चुनाव में इतनी फजीहत हुई।