PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब ये बता दिया है कि राज्यपाल कोटे से 12 एमएलसी के मनोनयन में भी बीजेपी ने अडंगा लगाया हुआ है. बीजेपी के कारण ही 12 विधान पार्षदों का मनोनयन नही हो पा रहा है. जबकि नीतीश चाहते हैं कि सब कुछ जल्दी निपट जाये.
नीतीश बोले-सब मेरे हाथ में नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जेडीयू दफ्तर में पार्टी के नेताओं से मिलने पहुंचे थे. पत्रकारों ने सवाल पूछा-विधान मंडल के सत्र से पहले 12 एमएलसी का मनोनयन हो जायेगा?जवाब में नीतीश कुमार बोले-आपको मांलूम है हम सब कुछ करना चाहते हैं लेकिन सब मेरे हाथ में नहीं है. नीतीश के एक इस लाइन ने बता दिया कि आखिरकार क्यों 11 महीने से राज्यपाल कोटे से एमएलसी के मनोनयन क्यों लटका है.
वैसे पांच दिन पहले नीतीश कुमार ने कहा था कि एमएलसी का मनोनयन जल्द हो जायेगा. हालांकि तब भी नीतीश कुमार ने ये कहा था कि उनका ये विचार है कि मनोनयन जल्द हो जायेगा. लेकिन आज इशारों में ये भी बता दिया है कि उनके विचारों और इच्छाओं पर बीजेपी ने ग्रहण लगाया हुआ है.
गौरतलब है कि पिछले साल के मई महीने से बिहार में राज्यपाल कोटे से 12 एमएलसी के मनोनयन का मामला लटका पड़ा है. जो पुराने मनोनीत सदस्य थे उनका कार्यकाल मई 2020 में ही समाप्त हो गया. पहले बीजेपी-जेडीयू की ओर से ये कहा गया कि विधानसभा चुनाव के बाद विधान पार्षदों का मनोनयन होगा. लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म हुए भी तीन महीने हो गये.
जानकारों की मानें तो सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी-जेडीयू में मामला लटका पड़ा है. बीजेपी चाहती है कि विधायकों की संख्या के आधार पर एमएलसी की संख्या तय हो. उधर जेडीयू का कहना है कि अगर विधायकों की संख्या पर ही एमएलसी की तादाद तय होना है तो फिर मई 2020 की संख्या पर बंटवारा हो. मनोनयन तो उसी समय होना था और तब जेडीयू के विधायकों की संख्या बीजेपी से ज्यादा थी. तब बीजेपी के आग्रह पर मनोनयन को टाला गया था. लिहाजा एमएलसी की संख्या पुराने आधार पर ही तय हो.