BJP के विधायक-सांसदों ने पूछा: क्या पार्टी की राय से नीतीश ने क्षेत्र में निकलने पर रोक लगायी है? आलाकमान से की गयी शिकायत

BJP के विधायक-सांसदों ने पूछा: क्या पार्टी की राय से नीतीश ने क्षेत्र में निकलने पर रोक लगायी है? आलाकमान से की गयी शिकायत

PATNA : बिहार में सत्ता में साझीदार दलों बीजेपी औऱ जेडीयू के बीच अंदर ही अंदर छिडा घमासान अब बाहर आने लगा है. बीजेपी के विधायकों औऱ सांसदों ने बिहार सरकार के उस फैसले पर गहरी आपत्ति जतायी है जिसमें उन्हें क्षेत्र में निकलने से रोक दिया गया है. पार्टी के विधायकों ने प्रदेश नेतृत्व से पूछा है कि क्या नीतीश कुमार ने सरकार में शामिल दोनों डिप्टी सीएम औऱ बीजेपी के दूसरे मंत्रियों की राय से ये फैसला लिया है. प्रदेश नेत़ृत्व को कोई जवाब नहीं सूझा. मामले को बीजेपी के आलाकमान के पास पहुंचाया गया है.


लाजवाब हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष

दरअसल बुधवार को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी पार्टी के विधायको औऱ सांसदों के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी. इसमें प्रदेश के प्रमुख पदाधिकारी भी शामिल थे. बैठक का मुद्दा तो नरेंद्र मोदी सरकार के सात साल पूरे होने पर के मौके पर सेवा दिवस कार्यक्रम के आय़ोजन का था.लेकिन चर्चा कोरोना और कोरोना के मद्देनजर बिहार सरकार द्वारा लगायी गयी रोक पर होती रही. विधायकों और सांसदों ने सरकार के फैसलों पर गहरी नाराजगी जतायी.


सांसदों-विधायकों को रोकने का आदेश किसने दिया

बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कई विधायकों ने सरकार के उस फैसले पर गहरी नाराजगी जतायी जिसमें विधायकों से लेकर सांसदों औऱ मंत्रियों को क्षेत्र में जाने से रोक दिया गया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष से विधायकों ने पूछा कि क्या सरकार ने ये फैसला लेने से पहले दोनों डिप्टी सीएम या बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से राय ली थी. एक विधायक ने कहा कि डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद खुद अपने क्षेत्र का दौरा कर रहे थे औऱ उसी दौरान मंत्रियों से लेकर सांसदों और विधायकों के घर से बाहर निकलने पर रोक का आदेश जारी कर दिया गया.


डीएम फोन कर बाहर निकलने से मना कर रहे हैं

वर्चुअल बैठक में पार्टी के कई विधायकों ने कहा कि उनके पास डीएम के फोन  आ रहे हैं कि वे घर से बाहर नहीं निकले. उनसे कोविड अस्पताल औऱ सामुदायिक किचन में नहीं जाने को कहा जा रहा है. उत्तर बिहार के एक सांसद ने एक सांसद ने कहा कि उन्हें डीएम ने फोन कर कहा कि वे कोविड से जुड़े सरकारी संस्थामों में नहीं जाये. एक केंद्रीय मंत्री ने भी कहा कि डीएम ने उन्हें अस्पताल या सामुदायिक किचन में जाने से मना कर दिया. 

आलाकमान तक पहुंचायी गयी बात

विधायकों औऱ सांसदों की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने कहा कि ये बात आलाकमान तक पहुंचायी गयी है. हालांकि नीतीश कुमार से कोई टकराव लेने से बचते हुए प्रदेश नेतृत्व ने कहा कि लॉकडाउन अब कम ही दिनों के लिए बचा है लिहाजा विधायक-सांसद इसे ज्यादा तूल नहीं दें. वे लॉकडाउन का पालन कर सरकार से टकराव से बचें.

नीतीश के सामने बीजेपी बेबस

बीजेपी की बैठक में विधायकों औऱ सांसदों के तीखे सवालों से इतना तो साफ हो गया कि नीतीश कुमार के सामने बीजेपी बेबस दिख रही है. सरकार के अहम फैसले बीजेपी से बगैर राय लिये ही हो रहे हैं. जबकि सत्ता में सबसे बडी पार्टी बीजेपी ही है. दिलचस्प बात ये है कि सरकार ने कागजी आदेश निकाल कर मंत्रियों के क्षेत्र में भ्रमण पर रोक लगायी है लेकिन मौखिक आदेश से विधायकों और सांसदों को भी क्षेत्र में जाने से रोका जा रहा है. बीजेपी के विधायकों औऱ सांसद कह रहे हैं कि इससे जनता के बीच उनकी इमेज खराब हो रही है लेकिन पार्टी कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं दिख रही है.