PATNA : बिहार में कैबिनेट विस्तार एक अबूझ पहेली बन कर रह गया है. बार-बार एनडीए के नेता यह कहते रहे हैं कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार होगा लेकिन नई सरकार के गठन को हुए ढाई महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुके हैं और अब तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है. मंत्रिमंडल में शामिल चंद मंत्रियों के भरोसे पूरी सरकार चल रही है. कैबिनेट विस्तार के मसले पर दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ बिहार के नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. इस बैठक में अंतिम तौर पर कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों पर मुहर लग गई है ऐसा सूत्र बता रहे हैं.
लेकिन बिहार के डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद जो सोमवार को दिल्ली में हुई बैठक के अंदर मौजूद थे उन्होंने अब एक बार फिर नए सिरे से सस्पेंस खड़ा कर दिया है. तार किशोर प्रसाद से कैबिनेट विस्तार को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह सब कुछ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ में है. उनकी पार्टी ने सब कुछ तय कर लिया है और नीतीश कुमार जल्द ही कैबिनेट विस्तार पर फैसला लेंगे.तार किशोर प्रसाद ने कहा कि उनकी पार्टी की तरफ से अब कोई देरी नहीं है. हालांकि वह अधिकारिक तौर पर यह नहीं कह सकते कि मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाले चेहरों का नाम फाइनल कर दिया गया है. कैबिनेट विस्तार कब होगा इसके लिए भी उन्होंने किसी तारीख पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा.
तार किशोर प्रसाद का यह बयान बताता है कि दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लगातार खींचतान जारी है. एक तरफ बीजेपी के अंदर गुटबाजी है तो वहीं दूसरी तरफ इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि नीतीश कुमार ने कैबिनेट विस्तार को लेकर कोई पेंच फंसा दिया हो.
बीजेपी के अंदर खेमेबाजी
जनवरी के आखिरी हफ्ते में कैबिनेट विस्तार को लेकर जिस तरह सरगर्मी बढ़ी और नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद संजय जयसवाल और तारकिशोर प्रसाद दिल्ली पहुंचे उसके बाद लगातार अंदर खाने से खबरें आई कि अब जल्द ही नीतीश कैबिनेट का विस्तार होने वाला है, लेकिन अचानक से गाड़ी फिर फंस गई. भारतीय जनता पार्टी और राजनीतिक गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा है कि बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जिन नामों को कैबिनेट में शामिल कराने की तैयारी की थी उसकी हवा सुशील कुमार मोदी ने निकाल दी. बताया जाता है कि सुशील कुमार मोदी ने भूपेंद्र और नित्यानंद की जोड़ी का खेल बिगाड़ दिया और एक बार फिर से नए सिरे से कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों पर चर्चा शुरू हो गई. यह बताना जरूरी है कि पहले चरण में जब कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों पर चर्चा हुई थी तो उसमें सुशील मोदी शामिल नहीं हुए थे, लेकिन सोमवार को ही बैठक में सुशील मोदी मौजूद रहे. हालांकि नित्यानंद राय इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
क्या नीतीश ने फंसाया पेच
कैबिनेट विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब कभी भी सवाल हुआ है उन्होंने खुले तौर पर कहा है कि बीजेपी की तरफ से देरी हो रही है, लेकिन अब नीतीश ने भी इस पर चुप्पी साध ली है. इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि कैबिनेट विस्तार में नीतीश कुमार या उनकी पार्टी जेडीयू ने कोई पेंच फंसाया हो. पिछले दिनों एनडीए की बैठक में जिस तरह चिराग पासवान को न्योता भेजा गया उसके बाद जेडीयू ने कड़े तेवर दिखाए जिससे लगता है कि चिराग पासवान को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही साथ केंद्रीय कैबिनेट के होने वाले विस्तार में जेडीयू के किन चेहरों को शामिल किया जाएगा यह भी एक बड़ा सवाल है. संभव है कि इनमें से किसी मुद्दे पर जेडीयू की तरफ से भी पेंच फंसाया गया हो. लेकिन बिहार में कैबिनेट विस्तार वाकई एक अबूझ पहेली बन कर रह गया है. अब इंतजार तब तक करना होगा जब तक शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय नहीं हो जाती.