India vs England Test Series 2025: इंग्लैंड दौरा इन 3 खिलाड़ियों के लिए आखिरी मौका, फ्लॉप हुए तो हमेशा के लिए कटेगा टीम से पत्ता Shilpa Shetty: कम उम्र में खाई हजारों ठोकरें, आज इतने सौ करोड़ की हैं मालकिन Manipur Internet ban: मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, मैतई नेता की अरेस्टिंग के बाद बवाल; पांच जिलों में इंटरनेट बंद Manipur Internet ban: मणिपुर में फिर बिगड़े हालात, मैतई नेता की अरेस्टिंग के बाद बवाल; पांच जिलों में इंटरनेट बंद Bihar Crime News: गया की बेटी की दिल्ली में हत्या, पति गिरफ्तार BJP National President election : भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? जून में हो सकता है ऐलान,तीन बड़े नाम रेस में! Namo Bharat Rapid Express: 120kmph की गति से लोकल ट्रैक पर फर्राटे मारेगी मेट्रो, आरा से पटना-बक्सर जाना होगा आसान; किराया मात्र इतना Bihar News: बिहार का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट तैयार, जानिए... कब होगा चालू? Sultanganj Aguwani Bridge: फिर शुरू हुआ सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का निर्माण, नए डिजाइन के साथ इतने महीने में होगा तैयार Bihar Crime News: शिवहर में युवक की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 25 Apr 2024 01:02:01 PM IST
- फ़ोटो
DELHI: लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों पर चुनाव आयोग की पैनी नजर है। चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानों पर आपत्ति दर्ज कराने के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने संज्ञान ले लिया है। चुनाव आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
दरअसल, चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से कथित आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में संज्ञान लिया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने एक दूसरे पर धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत फैलाने और विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था। दोनों दलों द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बाद चुनाव आयोग ने इस पर संज्ञान लिया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। दोनों दलों को 29 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक अपना जवाब आयोग में दाखिल करने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, खासकर स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेवारी लेनी होगी। उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं।
चुनाव आयोग की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 77 के तहत स्टार प्रचारक का दर्जा देना वैधानिक रूप से पूरी तरह से राजनीतिक दलों के दायरे में आता है और स्टार प्रचारकों से भाषणों की उच्च गुणवक्ता में योगदान करने की उम्मीद की जाती है। आयोग न दोनों पार्टियों को 29 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।