BJP विधायक के हमले के बाद फिर बोले महबूब आलम, ये लोग गोडसे और सावरकर की औलाद हैं

BJP विधायक के हमले के बाद फिर बोले महबूब आलम, ये लोग गोडसे और सावरकर की औलाद हैं

PATNA: बजट सत्र के तीसरे दिन आज बीजेपी ने सदन में जमकर हंगामा मचाया। महबूब आलम के बयान का जवाब देते हुए बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने भरी सदन में कहा कि कहां गया जिन्ना की औलाद महबूब आलम..ऐसा कह संजय सरावगी ने महबूब आलम पर कार्रवाई किये जाने की मांग सदन से की। वही सदन के बाहर मौजूद माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बीजेपी विधायक संजय सरावगी के बयान पर पलटवार करते हुए फिर कहा कि वे लोग गोडसे और सावरकर की औलाद हैं। 


माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने सदन से बाहर निकल कर कहा कि बीजेपी वाले गोडसे और सावरकर की औलाद है। सावरकर गद्दार था जब हिन्दुस्तान की आजादी के लिए सैकड़ों नौजवान शहीद हो रहे थे फांसी के तख्ते पर झूल रहे थे तब सावरकर चिट्ठी के जरिये अंग्रेजी हुकुमत को अपनी बफादारी का सबूत दे रहा था। 


माले विधायक महबूब आलम ने बीजेपी पर एक बार फिर से हमला बोलते हुए कहा कि वे लोग गोदसे और सावरकार की औलाद हैं। गोदसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी यह सच है सब कोई जानते हैं। बीजेपी वाले गोडसे और सावरकर को हवाला देते हैं और खुद को उनका वारिस मानते हैं।


महबूब आलम ने कहा कि हम तो भगत सिंह को अपना आदर्श मानते हैं। हम तो शहादत की औलाद है आप किसका औलाद है खुद तय कीजिए। उन्होंने कहा कि मैने कभी औरंगजेब और मीरजाफर का नाम नहीं लिया। हमने सिर्फ टीपू सुल्तान का नबाव सिराजुदोल्ला का  नाम लिया। बीजेपी वाले मुझे बांग्लादेशी बता रहे हैं हम कहते हैं कि हमारी जांच पड़ताल कर लें पता चल जाएगा कि हम बांग्लादेशी है या हिन्दुस्तानी। 


 बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बीजेपी के बारे में जो कुछ कहा था उसे लेकर भाजपा ने आज तीसरे दिन सदन में जमकर हंगामा मचाया। महबूब आलम को कल का जवाब देते हुए बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने कहा कि कहां गया महबूब आलम जिन्ना की औलाद.. संजय सरावगी ने महबूब आलम पर कार्रवाई किये जाने की मांग सदन से की। 


विधानसभा शुरू होते की सदन में चीख-चीख कर माले विधायक महबूब आलम को बीजेपी विधायक खोजने लगे और बोले कि कहां गया महबूब आलम। इस दौरान सदन में शब्दों की मर्यादा टूट गयी। बीजेपी विधायक ने महबूब आलम को जिन्ना की औलाद, लेनिन की औलाद, चाइना की औलाद और बांग्लादेशी की औलाद तक कह दिया। 


भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा था कि भाजपाइयों को शर्म नहीं आती। ये लोग गद्दारों की औलाद है। ये देशद्रोहियों की औलाद है। जब देश में आजादी की लड़ाई चल रही थी तो ये लोग अंग्रेजों के तलवे चाट रहे थे। प्रधानमंत्री छाती ठोंकता है, 56 इंच के सीने की बात करता है। महबूब आलम यह तब बोल रहे थे जब सदन में उस वक्त बीजेपी के कोई विधायक नहीं थे। 


सभी सदन से जा चुके थे। आज सदन में भाजपा विधायक संजय सरावगी में महबूब आलम को खोजा। सरावगी ने कहा कि कहां है महबूब आलम कहां है मिरजाफर की औलाद। संजय सरावगी ने सदन से महबूब आलम पर कार्रवाई करने की मांग की। माले विधायक के बयान को लेकर बीजेपी ने सदन में जमकर हंगामा मचाया। 


संजय सरावगी ने यहां तक कह दिया कि महबूब आलम लेनिन की औलाद है, वह चाईना की औलाद है और वो बंगलादेशी की औलाद है। ऐसा कहने के बाद विवाद बढ़ गया जिसके बाद स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने इसे असंसदीय करार देते हुए इन शब्दों को हटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सदन में कोई असंसदीय शब्दों का प्रयोग नहीं कर सकता। ऐसी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाएगा।


माले विधायक महबूब आलम ने क्या कहां था?

 “गांधी के हत्यारे अब गांधी का सहारा ले रहे हैं.  गांधी का सहारा लेने का कोई अधिकार नहीं है तुम लोगों को. तुम लोगों ने गांधी की हत्या की है. तुम छाती ठोंक कर नाथूराम गोडसे का नाम लो. सावरकर को वीर बोलता है. सावरकर माफी मांगते मांगते थक गये, शर्म इनको नहीं आती. ये लोग गद्दारों की औलाद है. ये देशद्रोहियों की औलाद है. जब देश में आजादी की लडाई चल रही थी तो ये लोग अंग्रेजों के तलवे चाट रहे थे.”


महबूब आलम यहीं नहीं रूके. उन्होंने बोलना जारी रखा

“प्रधानमंत्री लफ्फाजी के बल पर कुछ वक्त के लिए देश को गुमराह करने में कामयाब हो गये हैं. ये संसद में छाती ठोक रहे थे. इनके पास मुसलमान के खिलाफ बोलने के अलावा कुछ नहीं है. मुसलमानों के खिलाफ बोलने के लिए पाकिस्तान को मोहरा बना दिया है. ये छाती ठोंकता है, 56 इंच के सीने की बात करता है, सेना के सम्मान की बात करते हैं. किसने सेना का अपमान किया. अभी हाल ही में इनके जयशंकर ने कहा कि भले ही चीन हमारे सरहद में घुसा हुआ हो, लेकिन चीन हमसे बहुत बडी अर्थव्यवस्था वाला देश है इसलिए हम उसे कुछ नहीं करते.” 


महबूब आलम ने कहा- 15 अगस्त के दिन बिलकिस बानो के हत्यारों की रिहाई इन बेशर्म भाजपाइयों ने की है. गुनाह करने वाले शर्मसार होता है, आंखें झुकी हुई होती है. लेकिन इनकी आखों में शर्म नहीं है. ये लोग बेशर्म ही नहीं इन लोगों ने बुलडोजर राज चलाने की कोशिश की है. मां-बेटी को जिंदा जला दिया, दरिंदगी की हद को पार कर दिया. 


माले विधायक दल के नेता ने कहा-हमारे मुख्यमंत्री जब सरकार चला रहे थे तब ये लोग उनकी पीठ में छुरा भोंक रहे थे. मुंह में राम और बगल में छुरी यही है उन लोगों का आचरण. हम मुख्यमंत्री को बहुत धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने ऐसे नाजुक वक्त में फैसला लिया ऐसे शैतानों से अलग होने का. ऐसे में समय में नीतीश कुमार के हिम्मत की दाद देते हैं.