PATNA : पूर्व सीएम जीतन राम मांझी इस वक्त पटना में प्रेस कांफ्रेस कर रहे हैं. महागठबंधन छोड़ने के आधिकारिक एलान के बाद मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी जेडीयू के साथ जाएगी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि जेडीयू में हम का विलय नहीं होगा. वे एनडीए में अलाइंस के रूप में एकसाथ काम करेंगे. उन्होंने एक बड़ा बयान भी दिया है. उनका कहना है कि वो एनडीए का पार्टनर जरूर हैं लेकिन नीतीश के साथ उनकी नजदीकियां ज्यादा हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, "हमारी कोई शर्त नहीं है, सीट लेने को लेकर कोई बात नहीं हुई है. विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर बाद में बातचीत होगी." उन्होंने ये भी कहा कि "अब हम नीतीश के सहयोगी के तौर पर काम करेंगे. हम एनडीए के पार्टनर जरूरहैं लेकिन जेडीयू से मेरी नज़दीकियां ज्यादा हैं, नीतीश कुमार से मेरी नज़दीकियां हैं."
उन्होंने ये भी कहा कि कॉडिनेशन कमिटी बनाने का काफी समय मैने आरजेडी और कांग्रेस को दिया लेकिन उन्होंने कॉडिनेशन कमिटी नहीं बनाई. जबकि 3 महीने आरजेडी को दिए और कोआर्डिनेशन कमेटी के लिए 3 महीने का वक्त कांग्रेस को भी दिया था. बचपन से ही सिद्धांत पर चलने की आदत रही है. जब साथ चलना मुश्किल हुआ तो हम गठबंधन से अलग हो गए.
सीएम नीतीश वाले बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मांझी के इस बयान से कई कयास लगाए जा रहे हैं. दरअसल महागठबंधन से अलग होने के बाद राजनीतिक गलियारे से ये खबर सामने आई थी कि मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा का जेडीयू में विलय भी हो सकता है. ये चर्चा काई जोरो पर रही थी.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी जेडीयू से अलग होने के बाद ही उन्होंने अपनी पार्टी का गठन किया था. हालांकि उनकी पार्टी अब तक कुछ ख़ास नहीं कर पाई है. लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का प्रदर्शन फिसड्डी रहा था. खुद मांझी भी चुनाव हार गए थे. महागठबंधन में रहते हुए भी मांझी अक्सर तेजस्वी के खिलाफ में बोलते थे. उनका कहना था कि किसी भी बड़े निर्णय को लेने के लिए महागठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमिटी का गठन होना चाहिए, जिसे तेजस्वी आज तक टालते आये.